काशी आनंद : सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजा गंगा का किनारा
प्रमोद यादव, वाराणसी : सामाजिक सरोकारों से गहरा नाता जोड़े जन-जन के समाचार पत्र दैनिक जागरण की ओर से
प्रमोद यादव, वाराणसी : सामाजिक सरोकारों से गहरा नाता जोड़े जन-जन के समाचार पत्र दैनिक जागरण की ओर से नैत्यिक आयोजन भारत आनंद-काशी आनंद में सोमवार की शाम महाराष्ट्र की रंगत निखरी। अर्थ के साथ ही संस्कृति के मामले में भी समृद्ध प्रांत से गहराई तक जुड़े काशीवासियों ने डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर भजन-गीत और काव्य के जरिए इसका आभास कराया। सधे सुरों में अपनी परंपरा और संस्कार को सामने रखा और इससे गंगा का किनारा सजाया।
गोधूलि बेला में साधना भजन मंडल की महिला सदस्यों ने मंच संभाला और विभोर कर डाला। मंझीरा की झंकार पर एक-एक से बढ़ कर एक भजनों को सुर दिया। रमा देव, वसुधा देव, शोभा देव, श्रुति कोटेकर, शैलजा खीस्ते, कल्पना कापशे, शुभदा बापट, मंजू बांधवकर, सुनीता जोशी, संध्या पोहरे की प्रस्तुतियों ने सीढि़यों पर जमे बनारसियों के साथ ही देश-विदेश से आए सैलानियों को विभोर किया।
मयंक दीक्षित ने कविता पाठ में काशी की व्यथा का बखान किया। इसमें गंगा की दशा, हाथ से छूटती बनारसीपन की डोर और कारीडोर के लिए तोड़े जा रहे मंदिरों को लेकर दर्द साझा कर दिलों में हलचल पैदा किया।
अनामिका दीक्षित ने राग यमन में सितार के तारों की झंकार बिखेरी। तीन ताल में वादन किया। पहाड़ी धुन से मंत्र मुग्ध किया और कहरवा ताल में कमाल दिखाया। तबले पर संदीप केवले ने सधी संगत की। गूंजा उड़ीसा का सुमधुर राज्य गीत
काशी आनंद में उड़ीसा की पहली प्रस्तुति लेकर मंच पर उतरीं भुवनेश्वर की सोनाली सुचिस्मिता सत्पथी ने उड़ीसा के राज्य गीत 'वंदे उत्कल जननी..' को स्वर दिया और भावों से भर दिया। स्केट व फ्री स्टाइल नृत्य ने झुमाया
शाम के साथ घाट के पथरीले प्लेटफार्म पर मोहक अंदाज में संगीतमय स्केटिंग करते कलाकारों ने हर एक को आकर्षित किया। मोहसिन खान के नेतृत्व में 12 सदस्यीय टीम ने सुरों के उतार-चढ़ाव के अनुसार फ्री स्टाइल इन लाइन स्कैट्स डांस में गति व चाल का समन्वय किया। इससे कभी रोमांचित तो झूमने पर विवश कर दिया। मो. सुहैल, इरफान, आनंद सेठ, अमरनाथ सेठ, सिजान, चंदन कुमार, शुभम प्रजापति, लाडो सेठ, वर्षा शर्मा, अनूप गुप्ता, पंकज गुप्ता, अंकित साव ने करतब दिखाए। इसके अलावा 70-70 क्रू के कलाकारों ने फ्री स्टाइल डांस में भगवान शिव के प्रति श्रद्धा के भाव दिखाए। जीतू गुप्ता के निर्देशन में अंशु गुप्ता, अनुराग विश्वकर्मा, अभिषेक जायसवाल, हिमांशु पाल ने देवाधिदेव महादेव की आराधना के भावों से मंत्र मुग्ध किया। कला की सराहना और कलाकारों को प्रोत्साहन
रामतारक आंध्र आश्रम के मैनेजिंग ट्रस्टी वीवी सुंदर शास्त्री ने कला को सराहा और कलाकारों को प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ ही निरंतर संस्कृति संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। संचालन सांस्कृतिक मंच मुख्य संयोजक चक्रवर्ती विजय नावड़, राजेश त्रिपाठी व काशी मिश्रा ने किया। काशी मराठा समाज के संतोष पाटिल, उपेंद्र विनायक सहस्त्रबुद्धे, गीतकार कन्हैया दुबे केडी, नृत्य प्रशिक्षक सुरभि, सरिता अग्रवाल आदि थे।