दमघोटू बनी काशी की हवा, प्रदूषण का स्तर 366 तक पहुंचा, लोग मास्क लगाकर चलने को मजबूर
काशी की आबोहवा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। प्रदूषण का स्तर 366 तक पहुंच गया था। इसके कारण हवा दमघोटू बन गई थी।
वाराणसी, जेएनएन। काशी की आबोहवा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार को भी प्रदूषण का स्तर 366 तक पहुंच गया था। इसके कारण हवा दमघोटू बन गई थी। लोग मास्क लगाकर चलने को मजबूर थे। कारण कि पुरुवा हवा एवं धुंध की वजह से प्रदूषक तत्व ऊपर न जाकर सतह पर ही बने रहे। अब पछुआ हवा ही इस परेशान से उबारने वाली है।
जम्मू-कश्मीर से पछुआ हवा चल दी है। उम्मीद है शनिवार तक ठंडी पछुआ हवा का असर काशी में आ जाएगा। इसके आने के बाद आसमान साफ होगा, जो पर्यावरण की स्थिति सुधरने में सहायक होगा। मालूम हो कि मंगलवार को प्रदूषण स्तर पटना, मुजफ्फरपुर के बाद वाराणसी का भी सबसे खराब स्थिति में पहुंच गया था। एक्यूआइ 388 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था। इससे काशी का भी दम घुटने लगा था। हालांकि अभी भी वहीं स्थिति बनी हुई है। शुक्रवार को भी एक समय के लिए एक्यूआइ 366 माइक्रोग्राम क्यूबिक मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि शाम तक स्थिति में सुधार हो गया था।
रात को पानी का छिड़काव
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कालिका सिंह ने बताया कि शुक्रवार की रात को शहर के विभिन्न हिस्सों में अग्निशमन विभाग की ओर से पानी का छिड़काव किया गया। ताकि कम से कम धूल उड़ सके।
प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि उम्मीद है कि 30 नवंबर से पछुआ हवा का असर शुरू हो जाएं। ऐसा होने के बाद आसमान साफ होगा, लेकिन इससे ठंडी भी बढ़ेगी। कई दिनों से चल रही पुरुवा हवा का असर शुक्रवार को कम हो गया। यही वजह है कि तापमान में कमी नहीं देखी गई। अधिकतम तापमान 29.0 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके कारण भले ही वातारण में कुछ गर्मी रही, लेकिन शनिवार से ठंड बढ़ेगी। कारण कि जम्मू-कश्मीर से आने वाली पछुआ हवा अपना दबाव बनाने में कामयाब हो सकती है। ओडिशा से आ रही पुरुवा हवा के कारण कोहरा एवं धुंध बढ़ गई थी। धुंध की वजह से पीएम 10 व पीएम 2.5 आसमान में न जाकर सतह पर ही रूक गए थे। यही वजह है कि प्रदूषण का स्तर भी बढ़कर 366 हो गया था।