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लंगड़ा हुआ 'जटायु' ; नगर निगम के अधिकारी बेखबर, संसाधनों का उपयोग कूड़ा और गंदगी हटाने में नहीं कर रहे

मुख्य सड़कों से धूल साफ करने वाली स्वीपिंग मशीन और सूखे कूड़े को खींच कर अपने पास इकटठा करने वाली मशीन जटायु धूल फांक रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 11:57 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 11:57 AM (IST)
लंगड़ा हुआ 'जटायु' ; नगर निगम के अधिकारी बेखबर, संसाधनों का उपयोग कूड़ा और गंदगी हटाने में नहीं कर रहे
लंगड़ा हुआ 'जटायु' ; नगर निगम के अधिकारी बेखबर, संसाधनों का उपयोग कूड़ा और गंदगी हटाने में नहीं कर रहे

वाराणसी, जेएनएन। खराब सड़कें और उन पर जमी धूल का साथ पाकर जहरीली हो रही हवा ने हुक्मरानों की नींद उड़ा दी है। इसके बाद भी नगर निगम के अधिकारी संसाधनों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। जबकि स्थिति यह है कि मुख्य सड़कों से धूल साफ करने वाली स्वीपिंग मशीन और सूखे कूड़े को खींच कर अपने पास इकटठा करने वाली मशीन 'जटायु' धूल फांक रही है। इसका एक टायर गायब है। नगर निगम के अधिकारी इसका उपयोग नहीं कर रहे हैं। लगभग एक करोड़ की लागत से खरीदी गईं दो स्वीपिंग मशीन में एक कई माह से खराब है तो दूसरी कई दिनों से नहीं चल रही।

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नगर निगम ने नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद इसे खरीदा था। उस समय लंका की सड़कों पर इसे लोगों ने देखा। जहां यह चलती थी कौतूहल का विषय बन जाती थी। प्रधानमंत्री के दो-तीन दौरों के दौरान तो यह दिखी। उसके बाद लोगों ने नहीं देखा। अब एक मशीन निजी सफाई एजेंसी के जिम्मे है, जो महीनों से खराब है। दूसरी नगर निगम के परिवहन कार्यालय के पास खड़ी है, जिस पर जमी धूल की परत बता रही कि गाड़ी कई दिनों से चली नहीं है। हालांकि अधिकारियों का कहना है यह मशीन लगातार चल रही है। उधर, जटायु का एक टायर ही गायब है। इसे इस तरह कोने में खड़ा कर दिया गया है जैसे अब उसकी उपयोगिता ही न हो। प्रतिघंटे पांच लीटर डीजल खाने वाली मशीन जटायु को न कोई नियमित चलाने वाला है न उसके विशेषज्ञ को इसे चलाने में दिलचस्पी ले रहे हैं। इसे प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान स्वच्छ भारत मिशन मद से खरीदा गया था। उसके बाद से संचालन बंद है। रखरखाव प्रभारी अजय राम तो इस बारे में बात करना भी ठीक नहीं समझते।

पूछने पर जारी कर दिया चार्ट

नगर निगम प्रशासन से स्वीपिंग मशीन के बारे में पूछने बुधवार की रात उसका रूट चार्ट जारी कर दिया गया। एयके मुताबिक रात में यह मशीन मलदहिया चौराहे से मरी माई होते हुए नदेसर वरुणापुल तक चलेगी। यह मशीन 20 नवंबर तक विभिन्न रूटों पर चलाई जाएगी। आनन-फानन चार्ट जारी करने के पीछे जानकारों का मानना है कि संचालन में बड़े पैमाने पर डीजल की कालाबाजारी की जाती है। यह मशीन प्रतिघंटा 15 लीटर डीजल खपत करती है। इसलिए बिना चले कागजों पर चलना दिखाया जाता है। इस बारे में अपर नगर आयुक्त व परिवहन के प्रभारी अधिकारी अजय कुमार सिंह ने कहा कि स्वीपिंग मशीन वीआइपी रूट और जहां डिवाइडर हो उस सड़क पर चलती है। इसे और सड़कों पर भी चलाया जाएगा।


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