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गुरु! ऐसा तो सिर्फ बनारस में ही मुमकिन है- 'ऑनलाइन मंगाओ और एक मोमोज फ्री पाओ'

पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार को जब पीएम नरेंद्र मोदी ने स्‍ट्रीट वेंडर अरविंद मौर्या से बातचीत की तो पीएम को अंदेशा भी नहीं था कि उनके डिजिटल इंडिया के सपने को काशी में कोई साकार करने के लिए फ्री माेमोज का भी आफर देता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 02:24 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 02:24 PM (IST)
पीएम को अंदेशा भी नहीं था कि डिजिटल इंडिया के सपने को कोई इस तरह साकार कर रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। पुराणों से भी मानी जाने वाली भगवान शिव की नगरी काशी में मान्‍यता है कि स्‍वयं अन्‍नपूर्णा काशी में निवास करती हैं लिहाजा यहां कोई भूखे पेट नहीं सोता है। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मंगलवार को जब पीएम नरेंद्र मोदी ने स्‍ट्रीट वेंडर अरविंद मौर्या से बातचीत की तो पीएम को अंदेशा भी नहीं था कि उनके डिजिटल इंडिया के सपने को काशी में कोई साकार करने के लिए फ्री माेमोज का भी आफर देता है।

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जी हां, वाराणसी के स्‍ट्रीट वेंडर अरविंद मौर्या अपने ऑनलाइन कस्‍टमर को डिजिटल होने की खुशी में एक मोमोज अतिरिक्‍त पैकेट में भेजते हैं। ऐसा करके वह पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ऑनलाइन फूड खरीदारी को बढावा भी दे रहे हैं। बताया कि दुकान पर भीड़ में खडे होकर खाने से बेहतर घर पर परिवार वालाें के साथ एक साथ बैठकर सुरक्षित तरीके से खाना है।

अरविंद ने जागरण को बताया कि पीएम की डिजिटल इंडिया की मुहिम काफी प्रेरित करने वाली है। इसके लिए वह लोगों को भी प्रेरणा अपने कारोबार के जरिए देते हैं। लिहाजा उन्‍होंने शहर में ऑनलाइन उनके दुकान से माेमोज को मंगाने वालों को एक पीस फ्री देते हैं। पूछने पर बोल पड़ते हैं बाबा की नगरी काशी में सब बाबा की मर्जी से ही चलता है और अन्‍नपूर्णा की कृपा से सब संभव हो रहा है। वहीं पीएम के बातचीत करने के बाद वह काफी उत्‍साहित भी नजर आए और बताया कि यह मेरे लिए किसी सौभाग्‍य से कम नहीं है।

अपने शहर के सांसद और देश के प्रधानमंत्री के तौर पर एक स्‍ट्रीट वेंडर से बात करना और देश भर में इस आयोजन के प्रसारण होने से वह काफी प्रसन्‍न नजर आए। वहीं आयोजन के बाद उनके स्‍टाल पर आने वाले लोग यही कहते नजर आए कि - गुरु! ऐसा तो सिर्फ बनारस में ही मुमकिन है- 'ऑनलाइन मंगाओ और एक मोमोज फ्री पाओ'।

सरकारी प्रयासों से मिला बल : अरविंद बताते हैं कि सरकारी प्रयासों से उनको अपना कारोबार खड़ा करने में काफी मदद मिली है। कारोबार को मानकों के अनुरूप बनाने के लिए सरकार ने जहां प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र दिया तो वहीं खाद्य मानकों की सुरक्षा को लेकर भी गाइडलाइन को वह बखूबी पालन करते हैं। अभी तक यह मानक सिर्फ बडे होटल या रेस्‍टोरेंट वाले ही पूरा कर पाते थे मगर काशी में शुरू हुए इस पायलट प्रोजेक्‍ट से सैकडों ठेले पर कारोबार करने वाले स्‍ट्रीट वेंडरों को बेहतर मौका मिला है और घर बैठे लोगाें तक ऑनलाइन तरीके से फूड आइटम शानदार पैकिंग में भेजते हैं।

स्विगी का मिला साथ : पायलट प्रोजेक्‍ट के तहत काशी के स्‍ट्रीट वेंडरों को पहले तो प्रशिक्षण दिया गया और उनको मानकों को पूरा करने के लिए प्रमाण पत्र भी दिया गया। आधुनिक तरीके से सुरक्षित व आकर्षक पैकिंग और डिजिटल तरीके से अपने खाद्य उत्‍पादों को ऑनलाइन करने का प्रशिक्षण दिया गया। इसके बाद ठेले वालों के चाट, समोसे और अन्‍य उत्‍पादों को ऑनलाइन ग्राहकों तक सेवा प्रदान करने का प्‍लेटफार्म दिया गया।


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