अपराध है बिना अनुमति पतंग उड़ाना, एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के तहत लाइसेंस लेना जरूरी
मकर संक्रांति पर देशभर में पतंग उड़ाने का रिवाज है। इतने जतन के बाद मंझा के प्रयोग को तो रोका नहीं जा सका मगर क्या आपको मालूम है कि बिना अनुमति के पतंग उड़ाना अपराध है। इसके के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है।
वाराणसी [अशोक सिंह]। मकर संक्रांति पर देशभर में पतंग उड़ाने की परंपरा है। मगर, क्या आपको मालूम है कि बिना अनुमति लिए निषिद्ध क्षेत्र में बड़ी व ऊंचाई पर पतंग उड़ाना अपराध है? कानून के अनुसार इसके लिए लाइसेंस लेना जरूरी है। एयरक्राफ्ट एक्ट 1934-2 (1) में इसका उल्लेख है। इसके अंतर्गत बैलून चाहे स्थिर हो या अस्थिर, वायु-पोत, पतंग, ग्लाइडर और उड्डयन मशीनें भी आती हैं। इस कानून के तहत पतंग आदि के व्यवसाय के लिए भी लाइसेंस लेना अनिवार्य है। बिना लाइसेंस के बड़ी व ऊंचाई पर पतंग उड़ाते पकड़े जाने पर 10 लाख तक जुर्माना और दो वर्ष कारावास की सजा हो सकती है। इसमें पिछले साल सरकार ने संशोधन किया है और विमान में विस्फोटक आदि ले जाने से संबंधित जुर्म में एक करोड़ तक के जुर्माने का प्रविधान कर दिया है लेकिन पतंग उड़ाने से संबंधित नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के अंतर्गत 2 (1) में उल्लेख है कि 'वायुयान से ऐसी कोई मशीन अभिप्रेत है जो वातावरण से वायु की प्रतिक्रिया द्वारा अवलंब प्राप्त कर सकती है। इसके अंतर्गत बैलून, चाहे स्थिर हो या अस्थिर वायु-पोत, पतंग, ग्लाइडर और उडड्यन मशीनें आती हैं। यह कानून पूरे देश में और सभी व्यक्तियों पर एक समान लागू है।
इसके तहत बिना लाइसेंस के पतंग उड़ाते पकड़े जाने पर 10 लाख तक का जुर्माना और दो वर्ष का कारावास भी हो सकता है। वाराणसी जनपद का बड़ा इलाका एयररूट के लो फ्लाई जोन में आता है। अभी हाल ही में जब गांवों में आबादी की जमीन का ड्रोन से सर्वे कराने की बात आई तो इसकी अनुमति लेने में व्यवधान पैदा हो गया। इस कारण सर्वे में देरी हुई।
केस-1
बीएलडब्लू नई बस्ती का तीन वर्ष का रोहित 2014 में मकर संक्रांति पर बुआ के साथ पार्क में साइकिल के पीछे बैठकर खेल रहा था। चाइनीज मंझा में फंसकर रोहित की गर्दन ऐसी कटी कि अस्पताल ले जाने पर उसने दम तोड़ दिया। रोहित की मां आज भी पतंग को बेटे का हत्यारा मानती है।
केस-2
मंझा की चपेट में आकर चौकाघाट निवासी संदीप गुप्ता की सात वर्षीय बेटी कृतिका की पांडेयपुर फ्लाइओवर पर जान चली गई। संदीप बेटी को दवा दिला कर घर जा रहा था।
केस-3
2018 में पांडेयपुर फ्लाइओवर पर ही चाइनीज मंझा की चपेट में आने से इलेक्ट्रीशियन मुन्ना (62) की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
ऐसा भी नहीं है कि एयरक्राफ्ट एक्ट पूरी तरह से निष्प्रभावी
ऐसा भी नहीं है कि एयरक्राफ्ट एक्ट पूरी तरह से निष्प्रभावी है। इसी कानून के तहत ड्रोन पर प्रतिबंध लगा है। ऐसी परिस्थिति में मंझा के प्रयोग पर रोक लगाने के लिए कुछ पतंग उड़ाने वालों पर कार्रवाई की जा सकती है। लोगों में कानून का डर पैदा होगा।
-शिवअधार सिंह, एडवोकेट, वाराणसी।
कोई घटना घटित होती है तो उसको नियम के हिसाब से देखेंगे
पतंग से जुड़ा कोई केस सामने नहीं आया है। यदि कोई घटना घटित होती है तो उसको नियम के हिसाब से देखेंगे।
- आकाशदीप माथुर, निदेशक, वाराणसी एयरपोर्ट।