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MNREGA में अनियमितता: मऊ में पूर्व व वर्तमान बीडीओ सहित आठ पर कार्रवाई की संस्तुति, एफआइआर होगी दर्ज

मनरेगा में लाखों की अनियमितता मामले में मऊ के डीएम ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने रानीपुर विकास खंड के पूर्व व वर्तमान खंड विकास अधिकारी सहित आठ के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 14 Jun 2020 03:40 PM (IST)Updated: Sun, 14 Jun 2020 05:13 PM (IST)
MNREGA में अनियमितता: मऊ में पूर्व व वर्तमान बीडीओ सहित आठ पर कार्रवाई की संस्तुति, एफआइआर होगी दर्ज
MNREGA में अनियमितता: मऊ में पूर्व व वर्तमान बीडीओ सहित आठ पर कार्रवाई की संस्तुति, एफआइआर होगी दर्ज

मऊ, जेएनएन। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना (मनरेगा) में लाखों की अनियमितता के मामले में जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी ने रानीपुर विकास खंड के पूर्व व वर्तमान खंड विकास अधिकारी सहित आठ के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति कर दी है। वर्तमान बीडीओ को छोड़कर शेष सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश जिलाधिकारी ने डीसी मनरेगा को दिया है। एपीओ, तकनीकी सहायक व रोजगार सेवक की संविदा भी समाप्त की जाएगी। दोषी ग्राम प्रधान को निलंबित करने हुए एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जिलाधिकारी की कार्रवाई से महकमें में भूचाल आ गया है।

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9.50 लाख रुपये की अनियमितता हुई थी उजागर

जिन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति की गई है, उसमें पूर्व बीडीओ हरिबंश प्रसाद, वर्तमान बीडीओ जयेश कुमार सिंह, लेखाकार संजय सिंह, सेक्रेटरी विजय शंकर सिंह, एपीओ परवेज असलम, तकनीकी सहायक अजय कुमार, रोजगार सेवक मंजू देवी व ग्राम प्रधान गोविंद राम शामिल हैं। दैनिक जागरण के अभियान के बाद रतनपुरा विकास खंड में हुई अनियमितता के मामले में सीडीओ, बीडीओ सहित अन्य कर्मियों पर शासन की तरफ से पहले ही कार्रवाई की जा चुकी थी। इसे गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने बीते दिनों रानीपुर ब्लाक के कमरवां ग्राम पंचायत में मनरेगा के हुए कार्यों का निरीक्षण किया था। इस दौरान लगभग 9.50 लाख रुपये की अनियमितता उजागर हुई थी।

12 किसानों के खेतों के समतलीकरण के नाम पर लाखों रुपये भुनाया गया

कलेक्ट्रेट सभागार में रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान जिलाधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उनके निरीक्षण से पूर्व वर्तमान बीडीओ जयेश कुमार सिंह से ग्राम पंचायत की जांच करवाई थी तो उन्होंने क्लीनिचट दे दी थी। इसे देखते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति के लिए शासन को भेजा गया है। इनके ऊपर एफआइआर दर्ज नहीं कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि 12 किसानों के खेतों के समतलीकरण के नाम पर भी लाखों रुपये भुनाया गया है जबकि एक ही किसान के खेत की फोटो लगाई गई है। इसके अलावा शिवलोचन राजभर के घर से नदी तट तक चकमार्ग पर कार्य दिखाया गया है। यहां कार्य होना पाया नहीं गया है। डीएम ने बताया कि इसके अलावा पिचरोड में भी 148770 रुपये का घपला किया गया है।


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