बर्ड फ्लू की आहट पर वाराणसी के आराजी लाइन में पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने की जांच-पड़ताल
वाराणसी में एक बार फिर बर्ड फ्लू की आहट से मंगलवार को आराजीलाइन में पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांच-पड़ताल कर रही है।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी में एक बार फिर बर्ड फ्लू से संबंधित मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अमले से लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। मंगलवार को आराजीलाइन में पशु चिकित्सा विभाग की टीम जांच-पड़ताल कर रही है। रोहनिया, मोहनसराय व आसपास के लगभग दस किलोमीटर दायरे में मौजूद 15 पोल्टी फार्मों में जांच-पड़ताल के दौरान 20 से अधिक मुर्गों के खून के नमूने एकत्र किए। खून के नमूनों को बरेली की लैब भेजा गया है। रोहनिया के मोहनसराय इलाके में फरवरी माह के शुरूआती दिनों में बड़ी संख्या में कौवों के मरने के बाद कारण जानने के लिए मृत कौवों को भोपाल स्थित लैब भेजा गया था।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बीबी सिंह ने बताया कि भोपाल से आई रिपोर्ट में एक कौवे में फ्लू पाजिटिव और दो में निगेटिव पाया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद जहां पर कौवे मृत मिले थे, वहां से 10 किलोमीटर दायरे में मौजूद सभी पोल्ट्री फार्मों की जांच-पड़ताल कराई जा रही है।
टास्क फोर्स रहे तैयार
जिलाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जनपद स्तरीय टास्क फोर्स के सदस्यों से समन्वय स्थापित कर जनपद में किसी भी आपात स्थिति से निबटने को तैयार रहने का निर्देश दिया।
प्रवासी पक्षियों पर भी नजर
पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों का सर्विलांस किए जाने के साथ ही जनपद के सभी ब्लाकों पर जागरूकता से संबंधित कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को पोल्ट्री फार्म संचालकों के संपर्क में रहने को कहा गया है।
क्या हुआ था
दो फरवरी को रोहनिया-मोहनसराय चौराहे के समीप अदलपुरा मार्ग पर सड़क किनारे मौजूद पेड़ों पर बसेरा बनाए कौवे अचानक गिरकर मरने लगे। एक-दो दिन के अंतर फिर बड़ी संख्या में कौवे मृत पाए गए। आठ फरवरी को जब फिर कौवे मरे मिले तो हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों से बातचीत के बाद मौके पर मिले तीन मृत कौवे को जांच के लिए भोपाल भेजा।
अचानक मरने लगे पक्षी तो तुरंत दें सूचना
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने लोगों से अपील की है कि यदि आपके पास बड़ी संख्या में अचानक पशु-पक्षी की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत होने लगे तो तत्काल इसकी सूचना अपने थाना, ब्लाक, वन विभाग के साथ ही पशु चिकित्सा विभाग को दें। मृत पशु-पक्षियों को नंगे हाथों से न छूएं।
पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण
पक्षियों में जब यह संक्रमण होता है तो उनके पर झड़कर बिखरने लगते हैं, उन्हें भूख नहीं लगती और सुस्त पड़े रहते हैं। कलगी तथा ललरी नीला पड़ जाता है। अंडे कम देने लगती हैं, हरे रंग की दस्त भी होती है। ठीक से न खड़े हो पाना, न चल पाना, नाक से पानी आना तथा सांस लेने में तकलीफ होना बर्ड फ्लू का संकेत देता है।
मनुष्यों में लक्षण
मनुष्यों में यह रोग संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से फैलता है। मनुष्यों में रोग के मुख्य लक्षण तेज बुखार, आंख-नाक से पानी आना। खांसी के साथ सांस लेने में तकलीफ। कुछ गंभीर मामलों में मरीज की जान तक जा सकती है। बर्ड फ्लू बच्चों व बुजुर्गों के लिए खतरनाक होता है।