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वाराणसी हादसा : उच्चस्तरीय कमेटी ने की जांच, रुड़की भेजे गए नमूने

मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी कमेटी को 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी है। टीम ने कल के साथ आज सुबह वहां काफी बारीकी से जांच की। इसके बाद नमूना लेकर जांच के लिए रूड़की भेज दिया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 17 May 2018 10:50 AM (IST)Updated: Thu, 17 May 2018 10:50 AM (IST)
वाराणसी हादसा : उच्चस्तरीय कमेटी ने की जांच, रुड़की भेजे गए नमूने
वाराणसी हादसा : उच्चस्तरीय कमेटी ने की जांच, रुड़की भेजे गए नमूने

वाराणसी (जेएनएन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान दो बीम गिरने के मामले में जांच कर रही टीम ने कल के साथ ही आज सुबह वहां काफी बारीकी से जांच की। इसके बाद नमूना लेकर जांच के लिए रूड़की भेज दिया।

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मुख्यमंत्री के निर्देश पर बनी जांच कमेटी को 48 घंटे में अपनी जांच रिपोर्ट देनी है। कैंट स्टेशन के सामने हुए हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गठित जांच कमेटी बुधवार सुबह वाराणसी पहुंची। कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह के नेतृत्व में पहुंची तीन सदस्यीय कमेटी सबसे पहले कैंट घटना स्थल पर पहुंची। वहां जायजा लेने के बाद कमेटी ने प्रत्यक्षदर्शियों व राहत कार्य में जुटे लोगों से मुलाकात की और उनके बयान दर्ज किए। मौके पर मौजूद बीम के साथ ही सीमेंट, सरिया के सैंपल लिए।

कमेटी के अधिकारियों ने बताया कि मौके से जुटाए गए सैंपल जांच के लिए आइआइटी रुड़की भेजे जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही कमेटी आगे की रिपोर्ट तैयार होगी। कैंट पहुंची उच्चस्तरीय जांच कमेटी ने ड्रोन कैमरे से निर्माणाधीन फ्लाईओवर की वीडियो रिकार्डिंग संग स्टिल फोटोग्राफी कराई। फोटोग्राफ और वीडियो फुटेज जुटाने के बाद कमेटी सर्किट हाउस पहुंची।

जहां जांच कमेटी के सदस्य कृषि उत्पादन आयुक्त राज प्रताप सिंह, सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा और जल निगम के प्रबंध निदेशक राजेश मित्तल ने कैंट हादसे के बाद उप मुख्यमंत्री की ओर से निलंबित सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक, परियोजना प्रबंधक केआर सूदन, सहायक अभियंता राजेश कुमार, अवर अभियंता मूलचंद समेत अन्य विभागीय कर्मचारियों के बयान दर्ज किए।

उच्च स्तरीय कमेटी ने सर्किट हाउस में अधिकारियों, कर्मचारियों के बयान दर्ज कराने के साथ ही कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम योगेश्वर राम मिश्र, सीओ गौरांग राठी से भी मुलाकात की और उनसे हादसे के बाबत क्रमवार जानकारी हासिल की। जांच कमेटी का मुख्य फोकस बीम के गिरने के कारणों पर रहा। कमेटी इसकी जांच कर रही है कि फरवरी में रखी गई बीम अचानक कैसे गिरी। क्या अन्य पिलर पर कोई कार्य चल रहा था।

जिसके चलते कंपन पैदा होने से बीम गिर पड़ी, कुछ लोगों ने वहां कार्य के दौरान गैस सिलेंडर में ब्लास्ट होने की बात कही, लेकिन जांच टीम को मौके से ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला। जांच कमेटी के सामने यह बात भी आई कि बेयङ्क्षरग छिटकने से बीम का बैलेंस बिगड़ा और चौथे नंबर की बीम गिर पड़ी, जिसने पांचवें नंबर की बीम को धक्का दिया और हादसा हो गया। वहीं जांच कमेटी के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर बीम के दो टुकड़े कैसे हुए। मतलब साफ था कि निर्माण के दौरान गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके चलते हादसा हुआ। कमेटी ने रिपोर्ट आने से पहले किसी भी सवाल का जवाब देने से इंकार किया। साक्ष्य संकलन व बयान दर्ज करने के बाद टीम शाम को लौट गई। 


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