Move to Jagran APP

Varanasi गांव मेें सुपर मार्केट खोलने वाले दोस्त बने प्रेरणा स्रोत, ग्राम स्वराज की परिकल्पना होगी साकार

वाराणसी के रमना में दो दोस्तों ने एमएससी के बाद गांव में ही सुपर मार्केट को नजीर रूप में प्रस्तुत किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 05:23 PM (IST)
Varanasi गांव मेें सुपर मार्केट खोलने वाले दोस्त बने प्रेरणा स्रोत, ग्राम स्वराज की परिकल्पना होगी साकार
Varanasi गांव मेें सुपर मार्केट खोलने वाले दोस्त बने प्रेरणा स्रोत, ग्राम स्वराज की परिकल्पना होगी साकार

वाराणसी [रवि पांडेय]। लॉकडाउन के बाद पूरे देश मे युवाओं का रोजगार जाते दिख रहा है। श्रमिकों के सामने आजीविका का संकट दिख रहा है। दूसरे राज्यों में काम करने वाले श्रमिक घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं लेकिन ऐसे समय मे गांवों में महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को पंख लग सकते हैं। काम छोड़कर गांव आए युवाओं के परिवारीजन इस बात से खुश हैं कि उनका बेटा परिवार में रहेगा और मिल जुल कर खेती के साथ ही काम धंधा कर आजीविका चलाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2018 में ग्राम स्वराज अभियान की शुरुआत मध्य प्रदेश से किया। योजना का उद्देश्य पंचायतों एवं ग्राम सभा की क्षमता और आम-आदमी की भागीदारी बढ़ाने के साथ गांव को सक्षम बनाना है। इससे प्रेरित रमना में दो दोस्तों ने एमएससी के बाद गांव में ही सुपर मार्केट को नजीर रूप में प्रस्तुत किया।

loksabha election banner

काशी विद्यापीठ ब्लाक के रमना निवासी दो दोस्त संतोष और राजेश ने साथ-साथ एमएससी की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग में मन न लगा तो गांव में ही मां-बाप की सेवा के साथ रोजगार के सपने को साकार करने के लिए सुपर मार्केट बनाया। इसमें जनरल स्टोर के साथ रेडीमेड के सामान भरे हैं। आज दो दोस्तों की जोड़ी और कार्यक्षमता गांव के युवाओं के लिए नजीर है कि गांव में ही रह कर अच्छा व्यापार किया जा सकता है। लॉकडाउन में भी इनकी आमदनी कम नहीं हुई। उनके अनुसार लोगों के पास पैसे का अभाव है मगर गांव से ही खरीदारी कर रहे हैं। बीज की दुकान चलाने वाले लालजी पटेल ने बताया कि पहले लोग बीज और कीटनाशक लेने शहर जाते थे लेकिन अब इससे ही पूरा परिवार चल जाता है। आनंद के मुर्गी पालन ने लोगों को अलग रोजगार दिखाया और कई लोगों ने शुरू कर दिया। दूध का भी व्यापार रमना में काफी अच्छा है।

किसानों की सुविधा को मंडी बनाने की तैयारी

अमित पटेल और आनंद पटेल ने बताया कि रमना की आबादी 30 हजार से ऊपर है। सबसे ज्यादा यहां खेती खासकर सब्जी पर लोग निर्भर हैं। कोरोना के कारण गांव के किसानों को संक्रमण से बचने के लिए सब्जी खुद खरीदकर चौरा माता मंदिर पर रख बड़े व्यापारियों को बुलाकर बेच रहे हैं। गांव के कुछ युवा टीम बनाकर ग्रामीण इलाकों से सब्जी खरीदकर बड़ी मंडियों और व्यापारियों को भी बेच रहे हैं। ग्रामीणों के प्रयास से बाहर के व्यापारी सब्जी और सेम लेने गांव तक आ रहे हैं ।यहां की सब्जी के लिए जापान की टीम ने भी सर्वे किया था। अब यहां के युवा गांव में ही मंडी की परिकल्पना में लगे हैं जिससे किसानों को लाभ मिले।

पैसा लेके का होई लड़कन आंखी के सामने रहिएं

कोरोना के कहर के कारण रमना के तमाम युवा गांव वापस आए तो परिवारीजनों ने कहा कि खेती से हम लोग जी लेंगे। परिवार सामने रहेगा तो नमक-रोटी से भी गुजारा हो जाएगा। मुन्नन देवी ने कहा कि लड़का आंखी के सामने आ गइल सब खुश हौ। आगरा से नौकरी जाती देख रमना का संतोष पटेल घर आ गया तो घरवालों की खुशी का ठिकाना नहीं था। मुन्नी लाल ने कहा कि अपनी जरूरतों को हमलोग पूरा कर लेंगे। नौकरी छूटने का मलाल नहीं क्योंकि बेटा साथ में अच्छी खेती करके जी लेगा। संतोष ने बताया कि कोरोना जैसे वायरस का डर तो दिमाग मे बस गया है। अभी युवा गांव में ही अपने को सुरक्षित कर व्यापार तलाशेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.