बीएचयू में तीन करोड़ की लागत से इंक्युबेशन सेंटर
वाराणसी में विधि, न्याय तथा इलेक्ट्रानिक सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशकर प्रसाद बुधवार को मौजूद रहे।
वाराणसी : विधि, न्याय तथा इलेक्ट्रानिक सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशकर प्रसाद ने कहा कि बीएचयू में तीन करोड़ की लागत से इंक्युबेशन सेंटर खोला जाएगा ताकि भोजपुरी, अवधी, मैथिली भाषा पर काम हो सके। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने काशी में एक सेंटर खोलने का निर्णय लिया है। इस सम्बंध में सीएम से बातचीत हो गई है। जगह की तलाश की जा रही है ताकि इसे जल्द मूर्त रूप दिया जा सके।
वह बुधवार को महात्मा गाधी काशी विद्यापीठ में आयोजित 'उच्च शिक्षा के संदर्भ में सूचना एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका' विषयक विमर्श में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे । उन्होंने कहा कि टीसीएस बनारस में आ चुकी है। महमूरगंज मे इसे स्थापित किया जा रहा है। प्रथम चरण में तीन सौ लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। जल्द ही पंद्रह सौ की भर्ती होगी। मोबाइल कम्पनी जल्द ही आ रही है। रोजगार से अवसर बढ़ेंगे। उन्होंने डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल सक्त्रियता पर बल दिया। तीनों विश्वविद्यालय के कुलपतियों से कहा कि सबसे पहले अपने विश्वविद्यालयों की वेबसाइट को अपडेट करें। किसी भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विरासत का उल्लेख नहीं है। उदाहरण के तौर पर काशी विद्यापीठ में लाल बहादुर शास्त्री पढ़ें हैं, स्वाधीनता आदोलन की यह पवित्र भूमि रही है, यहा से बड़े बड़े नेता जुड़े हैं बावजूद वेबसाइट पर इसका उल्लेख नहीं है। डिजिटल इंडिया में काशी की परंपरिकता दिखे। उन्होंने ई-हेल्थ, ई-स्कालर्शिप, ई-रिक्शा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सरकार डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। डीएल को आधार कार्ड से जोड़ेंगे। क्योंकि उंगलिया पहचान नहीं बदल सकती। इस दौरान शहर उत्तरी के विधायक रवींद्र जायसवाल, बीएचयू के कुलपति प्रो राकेश भटनागर, काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो टीएन सिंह, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजाराम शुक्ल, आइआइटी बीएचयू के निदेशक प्रो राजीव संगल, प्रो प्रदीप श्रीवास्तव सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।