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भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने 29 साल में विकसित कर दीं सब्जी की 104 नई किस्में

देश में एकमात्र भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आइआइवीआर) सब्जियों की नई प्रजाति किसानों के बीच लाकर पोषण संग आर्थिक सुरक्षा के भी आयाम गढ़ रहा है। 1991 में दिल्ली से वाराणसी में शिफ्ट हुए संस्थान में अभी तक 104 नई प्रजातियां विकसित की जा चुकी हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 28 Sep 2020 06:50 AM (IST)Updated: Mon, 28 Sep 2020 01:14 PM (IST)
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान सब्जियों की नई प्रजाति लाकर पोषण संग आर्थिक सुरक्षा के भी आयाम गढ़ रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। देश में एकमात्र भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (आइआइवीआर) सब्जियों की नई प्रजाति किसानों के बीच लाकर पोषण संग आर्थिक सुरक्षा के भी आयाम गढ़ रहा है। 1991 में दिल्ली से वाराणसी में शिफ्ट हुए संस्थान में अभी तक 104 नई प्रजातियां विकसित की जा चुकी हैं। इसके साथ ही यहां 30 प्रमुख सब्जियों की 5791 जनन द्रव्य (विज्ञानी जिस पर निरंतर शोध करते हैं) प्रविष्टियां भी संरक्षित हैं। 28 सितंबर को संस्थान अपना 30वां स्थापना मनाएगा।

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अल्पदोहित सब्जियों पर शोध कार्य

संस्थान में अब 24 अल्पदोहित (कम उपयोग वाली) सब्जियों पंखिया सेम, कलमी साग, कमल, सिंघाड़ा, बथुआ, पोई, चौलाई, शिमला मिर्च, केला, ककड़ी, तरबूज, ककरोल, करतोली, टिंडा, कुंदरू, सब्जी सोयाबीन, ग्वार, लीमाबीन, बाकला, चप्पन कद्दू, बेबीकार्न, स्वीटकार्न एवं सहजन पर भी शोध कार्य कर रहा है।

पहले था सब्जी अनुसंधान निदेशालय

वर्ष 1971 में अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की स्थापना के साथ सब्जियों पर शोध शुरू हुआ। वर्ष 1986 में सब्जी अनुसंधान निदेशालय (पीडीवीआर) में उच्चीकृत संस्थान 1991 में दिल्ली से वाराणसी स्थानांतरित हुआ। जबकि 1999 में सब्जी अनुसंधान निदेशालय राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में स्थापित किया गया।

बीस प्रमुख सब्जियों पर अनुसंधान

20 प्रमुख सब्जियों- टमाटर, बैंगन, मिर्च, सब्जी मटर, फ्राशबीन, मूली, लोबिया, फूल व पत्तागोभी, गाजर, करेला, कोहड़ा, पेठा, परवल, खरबूजा, लौकी, नेनुआ, चिकनी तोरई, खीरा, भिंडी पर शोध कार्य जारी है।

बोले अधिकारी : आइआइवीआर सब्जी अनुसंधान के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर का एक अग्रणी संस्थान है। इसके तहत बीज उत्पादन केंद्र सरगटिया, कुशीनगर क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के रूप में कार्य कर रहा। कृषि विज्ञान केंद्र कुशीनगर, देवरिया एवं संत रविदास नगर में स्थापित है। वर्तमान में कृषि में बदलाव को देखते हुए संस्थान आगे कदम बढ़ा रहा है।-डा. जगदीश सिंह, निदेशक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी

अब तक विकसित प्रजातियां

सब्जी प्रजाति
टमाटर 9
बैंगन       5
मिर्च       7
लोबिया    6
मटर        6
भिंडी       13
मूली         4
पेठा          3
लौकी        5
करेला       1
खीरा        1
कोहड़ा    2
चप्पन कद्दू    1
फ्राशबीन      3
सेम          3
फूलगोभी      3
खरबूजा      1
चिकनी तोरई 3
सतपुतिया 1
परवल     3

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