रामनगर बंदरगाह 'सागरमाला' परियोजना की अहम कड़ी, कारोबार को मिलेगी और गति
चीन की ओर से ओबोर (वन बेल्ट, वन रोड) के जरिए दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की तैयारियों के बीच भारत की सागरमाला परियोजना बड़ा जवाब साबित होने जा रहा है।
वाराणसी [अभिषेक शर्मा] । दुनिया की बड़ी आर्थिक ताकत बनने की तैयारियों के बीच भारत की सागरमाला परियोजना देश में आर्थिक विकास को गति देने जा रही है। इसी कड़ी में रामनगर में बन रहे बंदरगाह के 12 नवंबर को पीएम द्वारा उद्घाटन के साथ ही देश का पूर्वी और पश्चिमी छोर सड़क व जलमार्ग के जरिए जुडऩे के साथ ही व्यापारिक मार्ग भी बन जाएगा। इस संदर्भ की जानकारी भी शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा ट्वीट कर दी जा चुकी है। सागरमाला परियोजना से देश में रोजगार स्रजन की भी काफी संभावना है।
मार्ग पूरा होने से फायदा
वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर सागरमाला योजना की शुरुआत की थी। ताकि बंदरगाहों के अलावा सड़क, विमान के जरिए आर्थिक रूट को बनाया जा सके जिससे देश में कारोबार को गति दी जा सके। इस लिहाज से अंतरदेशीय जलमार्ग में गंगा के रास्ते व्यापारिक गतिविधियां होने से रामनगर बंदरगाह पर आने वाले दिनों में राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय कारोबार को भी गति मिलने की संभावना है।
बड़ा परिणाम संभव
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से सागरमाला को लेकर को लेकर जारी ट्वीट के बाद से सोशल मीडिया में भी पेप्सिको के इस कंटेनर के वाराणसी आने की सूचना वायरल हो रही है। साथ ही देश में सागरमाला परियोजना को लेकर भी वाराणसी अब चर्चा के केंद्र में है। योजना को अगर पूरी तरह धरातल मिल गया तो आने वाले दिनों में रामनगर बंदरगाह पर विदेशी कंटेनर भी नजर आने लगेंगे।
केंद्रीय मंत्री बोले, बड़ी उपलब्धि
सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन और जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर वाराणसी में इस आशय की सूचना साझा की। बताया कि - 'यह भारत में इस सप्ताह की सबसे बड़ी खबर है। आजादी के बाद पहली बार एक कंटेनर अंतर्देशीय पोत पर चल रहा है। पेप्सिको कोलकाता से वाराणसी के लिए 16 कंटेनरों को गंगा नदी पर एमवी आरएन टैगोर पर ले जा रहा है। 'सागरमाला' परियोजना के लिए यह बड़ी उपलब्धि है।'