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Indian Railway अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, वाराणसी जंक्शन से चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनों के परिचालन में होगा बदलाव

Indian Railway पैसेंजर ट्रेनों को नए सिरे से पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रारंभिक चरण में इन ट्रेनों के स्टॉपेज कम करने को लेकर मंथन चल रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 02:26 PM (IST)
Indian Railway अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, वाराणसी जंक्शन से चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनों के परिचालन में होगा बदलाव
Indian Railway अब पैसेंजर ट्रेनें चलेंगी, वाराणसी जंक्शन से चलने वाली चार जोड़ी ट्रेनों के परिचालन में होगा बदलाव

वाराणसी, जेएनएन। पैसेंजर ट्रेनों को नए सिरे से पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रारंभिक चरण में इन ट्रेनों के स्टॉपेज कम करने को लेकर मंथन चल रहा है। सभी क्षेत्रीय रेलवे के अधिकार क्षेत्र में संचालित पैसेंजर ट्रेनों के ठहराव स्टेशन व यात्रियों की संख्या को लेकर समीक्षा की जा रही है। इस बाबत देशभर 472 पैसेंजर ट्रेनों पर  रेलवे को निर्णय लेना है।

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वाराणसी की चार जोड़ी ट्रेनें

विभाग के अनुसार वाराणसी जंक्शन से बनकर चलने वाली चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन में भी बदलाव करना है। इसमें गाड़ी संख्या 54333-34 व 54255-56 (वाराणसी-लखनऊ पैसेंजर) और 55119-20 व 55149-50 (वाराणसी सिटी-गोरखपुर पैसेंजर) शामिल है।

सुरक्षित सफर संग मिलेगी रफ्तार

नए प्रारूप में प्रस्तावित पैसेंजर ट्रेनों के संचालन में रफ्तार मिलेगी। साथ ही सुरक्षित सफर का भी अहसास होगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार कम यात्रियों वाले हाल्ट स्टेशन की संख्या कम हो सकती है। ऐसे में लोगों को ट्रेन पकडऩे के लिए हाल्ट के बजाय नजदीकी स्टेशन पहुंचना होगा।

ई-डास ड्राइंग एप्रुवल सिस्टम देगा विकास को रफ्तार

 पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर ई-आफिस प्रणाली लागू हो गया है। इसके बाद एक कदम और बढ़ाकर अब ड्राइंग के अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ई-डास ड्राइंग एप्रूवल सिस्टम को लागू किया जा रहा है। जिसमें ड्राइंग को ऑनलाइन संबंधित विभागों को भेजा जाएगा। इस पर डिजिटल तरीके से अफसर हस्ताक्षर कर सकेंगे। रेलवे में विभिन्न प्रकार के ड्राइंग बनाए जाते हैं, जिनमें इंजीनियरिंग स्केल प्लान (यार्ड प्लान), सीमित ऊंचाई के सब-वे, स्टेशन भवन तथा पुल आदि के ड्राइंग शामिल हैं।

ड्राइंग बनने के उपरांत सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से संस्तुति कराते हुए हस्ताक्षर प्राप्त करना होता है जिसमें मंडल व मुख्यालय के अधिकारी होते हैं। पहले किसी भी ड्राइंग पर अनुमोदन प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्थानों पर जाना तथा उन विभागों के संशोधन को समाहित करना एक लंबी प्रक्रिया थी। कोविड-19 की स्थिति में यह एक मुश्किल कार्य था। इस समस्या से निजात पाने के लिए वाराणसी मंडल में ड्राइंग अनुमोदन की उन्नत प्रणाली ई-डास को अपनाया जा रहा है।


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