प्रवासी भारतीय सम्मेलन : बोले भारतवंशी जैसा सुना, उससे कहीं ज्यादा सुंदर है काशी
काशी जितना खूबसूरत सुना था, उससे कहीं ज्यादा सुंदर है। ये कहना है इजरायल से आए ओरेन बेंंजमिन का वे अपने साथ इजरायल की शरली बेंजमिन और उनकी बेटी शाइली बेंजमिन के साथ आए हैं।
वाराणसी, जेएनएन। काशी जितना खूबसूरत सुना था, उससे कहीं ज्यादा सुंदर है। ये कहना है इजरायल से आए ओरेन बेंंजमिन का वे अपने साथ इजरायल की शरली बेंजमिन और उनकी बेटी शाइली बेंजमिन के साथ आए हैं। मूल रूप से पुणे महाराष्ट्र के रहने वाले पेशे से एयरपोर्ट इंचार्ज ओरेन भारतीय समाज से बहुत ज्यादा जुड़े रहते हैं। उन्होंने बताया कि प्रवासी भारतीय दिवस का काशी में होना और हम सबको न्यौता मिलना सौभाग्य व गर्व का विषय है। एयरपोर्ट पर आने वाले सभी भारतीय राजनेता, अधिकारी और अन्य सभी स्वदेशियों का स्वागत व सहयोग करते हैं।
कदम-कदम पर दिखा अपनत्व का भाव: बेंजमिन ने बताया कि जैसे ही वे और उनके साथी एयरपोर्ट पर उतरे वहां लोगों ने सांस्कृतिक ढंग से आरती उतारकर स्वागत व सत्कार किया। लोगों ने माथे पर तिलक लगाया तो अपनी संस्कृति पर गौरव महसूस हुआ। परिसर में स्वागत में सजाई गई रंगोली देखने लायक थी जिसकी हम सभी ने फोटो भी खींची।
मन मोहने वाला यहां का स्वाद : इजरायल से ही आईं शरली पालकर ने कहा कि यहां के अलग स्वाद की चर्चा हमेशा सुनी थी। यहां आते ही भारतीय सब्जियों और पूड़ी का स्वाद लिया। उन्होंने बताया कि खाने के तीखे पन ने भारतीय स्वाद की याद दिलाई। शरली ने कहा कि भारतीय खाना वे इजरायल में भी खाती हैं लेकिन वो स्वाद नहीं मिलता जो बनारस आकर मिला।
देश में सहयोग को दिल्ली में बैठक: ओरेन के मुताबिक उन्होंने इजरायल में भारतीयों का दल बनाया है। ये दल व्यापार से लेकर सांस्कृतिक क्षेत्र में भारत में सहयोग करना चाहता है। इसको लेकर नई दिल्ली में इस दल के और केंद्र सरकार के किसी नुमाइंदे के साथ बैठक भी करेंगे।
सारनाथ और गंंगा घाट देखने को बेताब : ओरेन ने बताया कि वे बौद्ध धर्म के प्रचारक गौतम बुद्ध से जुड़े इतिहास को जानने के लिए सारनाथ और अध्यात्म को करीब से देखने के लिए गंगा के घाटों पर जाएंगे।