जीडीपी बढ़ाने से ही देश का होगा आर्थिक विकास : सुरेश प्रभु
इस स्कीम से जिलों की जीडीपी तीन से चार फीसद बढ़ाने का लक्ष्य है। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग व नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कमिश्नरी सभागार में दी।
वाराणसी (जेएनएन)। देश के सभी जिलों का सकल घरेलू उत्पाद बढ़ेगा तो देश की जीडीपी में वृद्धि होगी। इसके लिए स्थानीय संसाधनों को विकसित करके लोकल ब्रांड को वैश्विक बनाना होगा। इसी दिशा में देश के छह जिलों का पॉयलट स्कीम के तहत चयन किया गया। इसकी शुरुआत बाबा विश्वनाथ की नगरी से की जा रही है। इन जिलों में सफलता मिलते ही देश में इसे लागू किया जाएगा। इस स्कीम से जिलों की जीडीपी तीन से चार फीसद बढ़ाने का लक्ष्य है। यह जानकारी केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग व नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कमिश्नरी सभागार में दी।
उन्होंने कहा कि वाराणसी के अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, हिमाचल के सोलन, आंध्र प्रदेश के विशाखपट्टनम और महाराष्ट्र के रत्नागिरी व सिंधुदुर्ग जिले शामिल है। आज योजनाएं चाहिए तो धन की आवश्यकता हैं। धन के लिए लोगों की आमदनी बढ़ानी होगी। प्रशिक्षण देकर रोजगार बढ़ाते हुए आय के स्रोत तलाशने होंगे। कृषि उत्पाद तो बढ़ा लेकिन किसानों की आय अभी और बढऩे की जरूरत है। नियोजित ढंग से आय वृद्धि पर जोर दिया जा रहा है। देश में विदेशी औद्योगिक निवेश बड़े जिलों में हो रहा है लेकिन, छोटे जिलों में भी ध्यान देने का वक्त आ गया है। जिले की जीडीपी बढ़ाने के लिए जिला प्रशासन जितना बेहतर कार्य करेगा उतना ही विकास होगा।
आइआइएम देगी रिपोर्ट
आइआइएम लखनऊ की ओर से तीन माह में शोध कर एक रिपोर्ट दी जाएगी। इसके बाद एक साल में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। यह जानकारी आइआइएम, लखनऊ के निदेशक डा. अजीत प्रसाद ने दी। कहा कि विभिन्न विभागों, कारोबारियों,बुनकरों, शिल्पकारों, कारीगरों, विश्वविद्यालयों और अन्य लोगों से संपर्क कर डाटा एकत्रित किया जाएगा। इसके बाद रोजगार और आय के स्रोत बढऩे के तरीके पर रिपोर्ट जारी की जाएगी। बैठक के बाद सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट पर साढ़े सात करोड़ रुपये पर एमओयू पर भी सहमति बनी। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को सीएसआर के तहत तीन करोड़ रुपये का चेक वाराणसी में हाइवे पर लैंडस्केपिंग के लिए दिया गय। इससे बेहतर हाइवे के आसपास का सुंदरीकरण होगा।
छह और उत्पादों के लिए आवेदन
इसके बाद नदेसर स्थित होटल में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशंस (फियो) की बैठक को संबोधित करते हुए श्री प्रभु ने कहा कि कारोबार बढ़ाने के लिए सभी को साथ में आना होगा। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों के उत्पादों को प्रोमोशन करके आगे लाना होगा। वर्तमान सरकार निर्यात बढऩे के लिए प्रयासरत है। खास बारह क्षेत्रों को चयनित करके छह हजार करोड़ रुपये दिया गया है। इस मौके पर पूर्वांचल के छह और उत्पादों को जीआइ में शामिल करने का आवेदन दिया गया।
इसमें बनारसी जरदोजी, बनारसी हैंड ब्लाक प्रिंटिंग, वुडकार्विंग, मीरजापुर के पीतल के बर्तन, चुनार के रेड क्ले ग्रेस पॉटरी व गोरखपुर का टेराकोटा शामिल हैं। बैठकों में राज्य सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, ज्वाइंट कमिश्नर राजीव अग्रवाल, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, डीएम सुरेंद्र सिंह, फियो के अध्यक्ष गणेश कुमार गुप्ता सहित विभागीय अधिकारी, उद्यमी, निर्यातक आदि शामिल रहे।