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दस लाख से अधिक कैश के लेन-देन पर नजर, वोटों की खरीद फरोख्त रोकने की कवायद

लोकसभा चुनाव की चरणवार तारीख घोषित होने के बाद आयकर विभाग भी अब काफी चौकन्ना हो गया है। विभाग के खुफिया तंत्र पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गए हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 02:52 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 07:16 AM (IST)
दस लाख से अधिक कैश के लेन-देन पर नजर, वोटों की खरीद फरोख्त रोकने की कवायद

सोनभद्र, जेएनएन। लोकसभा चुनाव की चरणवार तारीख घोषित होने के बाद आयकर विभाग भी अब काफी चौकन्ना हो गया है। विभाग के खुफिया तंत्र पूरे प्रदेश में सक्रिय हो गए हैं। सिर्फ आयकर विभाग ही नहीं, आम मतदाता भी इस बार चुनाव में कालेधन का उपयोग रोकने में सहायक हो सकते हैैं। सोनभद्र जिला मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार व छत्तीसगढ़ से सटा होने के कारण यहां आयोग की विशेष नजर होगी। इसके लिए प्लान भी बनाया गया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही इनकम टैक्स विभाग भी एक्शन मोड में आ गया है। चुनाव में 'मनी पावर' रोकने की तैयारी शुरू कर दी है।

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इस कार्य में आम जनता का भी सहयोग मांगा गया है, क्योंकि आम लोगों के बीच ही ब्लैक मनी को आसानी से खपाकर लाभ उठाया जाता है। इस पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने टोल फ्री और व्हाट्सएप नंबर जारी भी किया है, जिस पर कोई भी इससे जुड़ी जानकारी दे सकता है। चुनाव के दौरान ब्लैक मनी का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर होता है। वोटों की खरीद फरोख्त के अलावा शराब और अन्य तरीकों से वोटरों को खुश करने के लिए रुपये का इस्तेमाल होता है। इसके लिए चुनाव से पहले ही बड़ी मात्रा में कैश इधर से उधर होता है और सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया जाता है, जिसका चुनाव में प्रयोग किया जाता है। इस बार भी चुनाव के दौरान दस लाख से अधिक कैश के लेनदेन पर आयकर विभाग की नजरें रहेंगी।

2014 में लगा था काफी अंकुश

लोकसभा चुनाव 2014 में आयकर विभाग की सख्ती ने चुनाव में कालेधन पर काफी अंकुश लगाया था। इसके बाद विधानसभा में भी विभाग की चौकन्नी निगाहें चारों ओर रहीं और अब लोकसभा चुनाव के लिए भी तगड़ी नाकेबंदी की गई है। इस बार मतदाता भी आयकर विभाग का बड़ा हथियार बनेगा। पिछले चुनावों में भी इसी तरह जगह-जगह से करोड़ों रुपये बरामद हुए थे। कहीं मिट्टी के घड़े से 40 लाख रुपये बरामद हुए तो कहीं दूध के डिब्बे में लाखों रुपये मिले और कहीं मिठाई के डिब्बों में सोना भरा मिला। ऐसे रुपयों का कोई हिसाब नहीं था। लोगों को यदि कहीं भी कालेधन के इस्तेमाल की सूचना मिलती है तो वह सीधे आयकर विभाग के सम्पर्क में आ सकते हैैं और विभाग न सिर्फ उनके नाम गोपनीय रखेगा, बल्कि उन्हें इनाम भी दिया जाएगा। प्रलोभन के तौर पर काला धन प्रयोग करने वाले राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, प्रत्याशियों, उनके समर्थकों या अन्य व्यक्तियों की मोबाइल से फोटो या वीडियो भी भेजे जा सकते हैैं।

इन जगहों पर निगरानी

सोनभद्र में चुनाव में ब्लैक मनी अन्य जिलों व आसपास के राज्यों से भी आती है। इस पर निगरानी के लिए इनकम टैक्स विभाग की ओर से रेलवे स्टेशन, बस अड्डा, चेकपोस्ट और इससे जुड़ी अन्य जगहों पर आईटीओ का मूवमेंट रहेगा।

नोडल अधिकारी करेंगे निगरानी

चुनाव में इस्तेमाल होने वाले रुपये पर निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी बनाया गया, जो लखनऊ से पूरे प्रदेश में निगरानी करेगा। लोकसभा चुनाव में मनी पावर रोकने के लिए आयकर विभाग ने 24 घंटे टोल फ्री नंबर 1800-180-6554 जारी किया है। इसके अलावा वाट्सएप नंबर 8005445129 भी जारी किया है, जिस पर कोई भी इससे जुड़ी जानकारी दे सकता है।

ब्लैक मनी पर ऐसे कसेगा शिकंजा

-10 लाख रुपये से अधिक की रकम बरामद होने पर आइटीओ को दी जाएगी जानकारी

-सही पाए जाने पर बरामद कैश को रिलीज कर दिया जाएगा

-अगर सही जानकारी नहीं मिली तो कैश जब्त कर लिया जाएगा

-इससे कम कैश बरामद होती है तो चुनाव आयोग की टीम जब्ती की कार्रवाई करेगी

-चुनाव में अक्सर ब्लैक मनी के इस्तेमाल की आशंका रहती है। पारदर्शी चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग की गाइड लाइन के अनुसार इनकम टैक्स विभाग इस पर रोक लगाने के लिए तत्पर रहेगा।

बिछा मुखबिरों का जाल

आयकर विभाग ने काला धन पकड़ने के लिए अपने मुखबिरों को भी सक्रिय कर दिया है। छापों से लेकर वाहनों तक से काले धन की बरामदगी के कई मामलों के पीछे मुखबिरों से मिलने वाली प्राथमिक सूचना की बड़ी भूमिका रहती है। इस बार भी राजनीतिक गलियारों से लेकर कारपोरेट सेक्टर तक आयकर विभाग ने अपने सूत्र सक्रिय कर दिए हैैं।


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