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वाराणसी में बरसात ने तोड़ा दस साल का रिकार्ड, चौबीस घंटे में हुई करीब 150 मिलीमीटर बारिश

वाराणसी में गुरुवार सुबह से दोपहर तक तेज गर्जना के साथ हुई मूसलधार बारिश ने बीते दस वर्षाें का रिकार्ड तोड़ दिया है। दिन में ढाई बजे तक 126 मिलीमीटर वर्षा जबकि पूरे दिन यह लगभग 150 मिलीमीटर को भी पार कर गई।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 17 Jun 2021 07:44 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jun 2021 07:44 PM (IST)
बनारस में सुबह से शाम तक हुई मूसलधार बारिश ने बीते दस वर्षाें का रिकार्ड तोड़ दिया है।

वाराणसी, जेएनएन। बनारस में गुरुवार सुबह से शाम तक तेज गर्जना के साथ हुई मूसलधार बारिश ने बीते दस वर्षाें का रिकार्ड तोड़ दिया है। दिन में ढाई बजे तक 126 मिलीमीटर वर्षा, जबकि पूरे दिन यह लगभग 150 मिलीमीटर को भी पार कर गई। साल 2015 में अधिकतम 105 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जबकि पिछले साल जून में अधिकतम वर्षा 64.3 मिलीमीटर ही हुई थी। वहीं अब तक जून माह में सबसे अधिक बरसात वर्ष 1978 में 245 मिलीमीटर हुई थी।

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गुरुवार को दोपहर के बाद आसमान ने कुछ देर शांत हुआ तो लोगों ने राहगीरों ने राहत की सांस ली, मगर फिर भी कभी तेज तो कभी धीमी बूंदाबांदी पूरे दिन और देर रात तक जारी रही। एक ओर जहां इस लुभावने मौसम ने लोगों के मन को सुहाना किया, तो वहीं दूसरी ओर पूरी काशी जल प्लवित हो गई। गौदौलिया पर नवनिर्मित सड़क पर पानी का अंबार देख आम नगरवासी काफी संशकित थे कि गौदौलिया क्षेत्र में इस तरह से पानी का भराव कभी नहीं देखा गया। बहरहाल, दक्षिणी पश्चिमी मानसून धीरे-धीरे अपनी तीव्रता बढ़ाए जा रहा है। इससे बनारस में गर्मी बिल्कुल ही समाप्त हो गई है।

एक ओर जहां अधिकतम तापमान सामन्य से चार डिग्री कम 34.6 डिग्री तो वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से तीन डिग्री कम 24 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त बनारस में आर्द्रता 98 और हवाओं की गति अधिकतम 24 किलोमीटर प्रति घंटे तक मांपी गई।

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो. मनोज कुमार श्रीवास्तव के अनुसार बंगाल की खाड़ी की ओर बादल का एक वृहद टूकड़ा जल्द ही उड़ीसा, आंध्रा, बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा करा सकता है। इसके बादल शुक्रवार तक आकाश में छा सकते हैं, जिससे चमक-गरज वाली घनघोर वर्षा होने की संभावना है। इन बादलों से बरसात 22 जून हो सकती है। हालांकि मौसम विभाग ने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है, मगर विभाग की सैटेलाइट तस्वीरें ऐसी कहानी व्यक्त कर रहीं हैं।


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