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वाराणसी में अब बाढ़ के समय नहीं डूबेगा सामनेघाट व अस्सीघाट का इलाका, 50 हजार की आबादी को राहत

अब वाराणसी में गंगा के बाढ़ से सामनेघाट व अस्सी घाट का इलाका नहीं डूबेगा। प्रदेश सरकार ने इन इलाके के रहनवारों की समस्या का संज्ञान लिया है। करीब 50 हजार की आबादी को बाढ़ से राहत देने के लिए हाइड्रोलिक एक्जेवेटर द्वारा चैनेलाइजेशन के कार्य किया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 08:50 AM (IST)Updated: Tue, 19 Jan 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी में अब बाढ़ के समय नहीं डूबेगा सामनेघाट व अस्सीघाट का इलाका, 50 हजार की आबादी को राहत
अब गंगा के बाढ़ से सामनेघाट व अस्सी घाट का इलाका नहीं डूबेगा।

वाराणसी, जेएनएन। अब गंगा के बाढ़ से सामनेघाट व अस्सी घाट का इलाका नहीं डूबेगा। प्रदेश सरकार ने इन इलाके के रहनवारों की समस्या का संज्ञान लिया है। करीब 50 हजार की आबादी को बाढ़ से राहत देने के लिए हाइड्रोलिक एक्जेवेटर द्वारा चैनेलाइजेशन के कार्य किया जाएगा। इसके लिए यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ कार्यालय से ई-निविदा आमंत्रित की गई है।

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इलाके को बाढ़ से राहत देने की पहल कैंटोमेंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने की है। उन्होंने सिंचाई विभाग के तकनीकी विशेषज्ञों को साथ लेकर मौका-मुआयना किया था जिसके बाद दो प्रस्ताव बनाए गए थे। पहले प्रस्ताव में नगवां से टिकरी तक बंधा बनाना है तो दूसरे प्रस्ताव में प्राथमिक राहत देते हुए जिन नालों से गंगा का पटल प्रवाह होने पर आबादी पानी से लबालब हो जाता है उनको बंद करना है। पहला प्रस्ताव एक हजार करोड़ से अधिक धनराशि का है। इसे जमीन पर लाने के लिए तकनीकी दिक्कतें भी महसूस की जा रही है। चूंकि, नगवां से टिकरी तक गंगा तट से जितनी दूर पर बंधा प्रस्तावित है वहां सैकड़ों मकान बन गए हैं। इससे पहले प्रस्ताव को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया गया लेकिन आबादी को बाढ़ से बचाने के लिए दूसरे प्रस्ताव को शासन ने हरी झंडी दे दी। करीब तीन करोड़ रुपये से सामनेघाट इलाके में ज्ञान प्रवाह के पास से गंगा में गिर रहे बड़े नाले पर चैनल लगाना है। दूसरा अस्सी नाला पर चैनल बनाने का कार्य होना है। तीसरा चैनल राजघाट के पास गंगा में गिर रहे नाले पर लगाया जाएगा। गंगा के इस पर तट पर स्थित अस्सी घाट, सामनेघाट व राजघाट पर पानी का दबाव कम करने के लिए हाइड्रोलिक एक्जेवेटर द्वारा चैनेलाइजेशन के कार्य किया जाएगा। इसके लिए 13 जनवरी को यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ कार्यालय से ई-निविदा आमंत्रित की गई है। पोर्टल पर 19 से 27 जनवरी को दोपहर एक बजे तक डाउनलोड या अपलोड कर जमा किया जा सकता है। टेक्निकल बिड उसी दिन दोपहर दो बजे यूपी प्रोजेक्ट कार्पोरेशन लिमिटेड लखनऊ जोन-7 महाप्रबंधक कार्यालय में खोली जाएगी।

बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए दो प्रस्ताव बनाए गए

गंगा किनारे बसी बड़ी आबादी को बाढ़ से मुक्ति दिलाने के लिए दो प्रस्ताव बनाए गए हैं। पहला प्रस्ताव नगवां से टिकरी तक बंधा बनाने का है तो दूसरा इन इलाकों में मिल रहे नाले पर चैनल लगाने का है। पहला प्रस्ताव अभी विचाराधीन है जबकि दूसरे प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई है।

- सौरभ श्रीवास्तव, विधायक कैंटोमेंट


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