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वाराणसी में निजीकरण के विरोध में डीरेका कर्मी बंद रखेंगे अपने घरों की बत्तियां

भारत सरकार रेल मंत्रालय रेलों में एफडीआई को मंजूरी देकर रेल की सभी लाभ देने वाली उत्पादन इकाइयों को निगम बनाने का डीरेका कर्मी विरोध कर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 03:31 PM (IST)
वाराणसी में निजीकरण के विरोध में डीरेका कर्मी बंद रखेंगे अपने घरों की बत्तियां
वाराणसी में निजीकरण के विरोध में डीरेका कर्मी बंद रखेंगे अपने घरों की बत्तियां

वाराणसी, जेएनएन। भारत सरकार रेल मंत्रालय रेलों में एफडीआई को मंजूरी देकर रेल की सभी लाभ देने वाली उत्पादन इकाइयों को निगम बनाने का डीरेका कर्मी विरोध कर रहे हैं। भारतीय रेल के सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली 107 ट्रेन रूटो पर 151 निजी ट्रेन चलाने एवं 50 स्टेशनों को जिस प्रकार से निजी हाथों में देने काे लेकर कर्मियों में रोष है। मंगलवार को कर्मचारियों ने कहा क‍ि भारतीय रेल के इतने बड़े आधारभूत ढांचे को जोकि देश की जनता के टैक्स के पैसों से एवं मेहनतकश रेल कर्मचारियों की खून पसीने की मेहनत से तैयार हुआ है ,उसे चंद पूंजीपतियों के हवाले करने का कुचक्र रचा जा है। इसके विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के आवाहन पर पूरे देश के अंदर 14 सितंबर से 19 सितंबर तक विरोध एवं जागरूकता कार्यक्रम के क्रम में डीएलडब्लू मेंस यूनियन के बैनर तले डीरेका कर्मियों को जागरूक करने के कार्यक्रम के तहत डीएलडब्ल्यू मैंस यूनियन ने कर्मचारियों की बैठक बुलाई।

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इसी कड़ी में मंगलवार को कारखाने के दोनों मुख्य द्वारों पूर्वी तथा पश्चिमी पर हैंड बिल बांटकर तथा परिचर्चा कर कर्मियों के बीच एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की। कर्मियों को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जोनल सेक्रेटरी डॉ. प्रदीप शर्मा ने कहा कि अब समय आ गया है जबकि एक बड़े आंदोलन के लिए रेलकर्मी कमर कसकर तैयार हो जाएं। फेडरेशन को इस सरकार पर किसी भी प्रकार से भरोसा नहीं है। यह सरकार जिस प्रकार से पूंजीपतियों के हाथों में खेलने का काम कर रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है की 13 लाख रेल कर्मचारियों को बेरोजगार करने का सरकार द्वारा कुचक्र रचा जा रहा है। जिसके तहत कभी 55 वर्ष उम्र तो कभी 30 वर्ष की नौकरी के नाम पर तो कभी निगमीकरण एवं निजीकरण के नाम पर मानसिक उत्पीड़न करने का कार्य किया जा रहा है। इसे यूनियन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने का कार्य नहीं करेगी

बताया कि आंदोलन के क्रम में 16 सितंबर को प्रशासनिक भवन एवं विभिन्न कॉलोनी ऑफिस, सिविल, विद्युत, डिजाइन, ईडीपी सेंटर एवं टीटीसी में पर्चा वितरित कर कर्मचारियों को जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। 18 सितंबर को डीरेका इंटर कॉलेज चौराहे से एक विशाल वाहन जुलूस निकालकर पूरे डीरेका आवासीय परिसर के अंदर भ्रमण कर कर्मियों को जागरूक करने का कार्य किया जाएगा। विरोध सप्ताह के आखिरी सोपान में काला दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत सभी कर्मी अपने बाहों में काली पट्टी बांधकर अपने कार्यस्थल पर कार्य करेंगे। रात में 8:00 बजे से रात्रि 8:10 बजे तक 10 मिनट तक अपने घरों की बत्तियां बुझा कर ब्लैक आउट कर सरकार को संदेश देने का काम करेंगे।

सभा का संचालन करते हुए डीएलडब्लू मैंस यूनियन के महामंत्री अरविंद श्रीवास्तव ने कहा इस सरकार की इन कुटिल चालो को किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने दिया जाएगा जरूरत पड़ी तो ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के नेतृत्व में भारत सरकार के निजी करण और निगमीकरण के प्रयासों के खिलाफ बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा। बताया कि जरूरत पड़ी तो हड़ताल जैसे कठोर निर्णय भी लिए जा सकते हैं। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अजय कुमार, अजीमुल हक, रवि नारायण सिंह, नरेंद्र सिंह भंडारी, रवि शंकर सिंह, अरविंद प्रधान, शिवबालक प्रसाद, त्रिलोकी नाथ सिंह, अमित सिन्हा, आशुतोष कुमार, ज्ञान शर्मा, अविनाश पाठक, रुपेश सिन्हा, मनीष सिंह, संजय शुक्ला, रंजीत सिंह, अमित यादव, रविंद्र श्रीवास्तव, राजेश कुमार सिंह, बजरंग शर्मा, राम अशीष, दिनेश यादव, रामबली पटेल, सुधीर श्रीवास्तव, विश्वानंद पांडे, अमित अस्थाना, अंबोड कुमार सिंह, आशीष कुमार, पिंटू कुमार, भरत कुमार, दिनेश कुमार समेत सैकड़ों यूनियन कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद थे।


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