Move to Jagran APP

श्रीगणेश चतुर्थी व्रत से नए वर्ष के धार्मिक परंपराओं का आगाज, सांध्‍यकालीन पूजा का भी मिलता है पुण्‍य

प्रथम पूज्‍य श्री गणेश के चतुर्थी व्रत से नए साल का आगाज हो रहा है। वर्ष 2021 में कुल 13 दिनों का संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत सांध्‍यकालीन पूजा का अधिक पुण्‍य मिलता है। सर्वप्रथम गौरी पुत्र श्री गणेश की पूजा-अर्चना का विधान माना गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 12:57 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 12:57 PM (IST)
प्रथम पूज्‍य श्री गणेश के चतुर्थी व्रत से नए साल का आगाज हो रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। प्रथम पूज्‍य श्री गणेश के चतुर्थी व्रत से नए साल का आगाज हो रहा है। वर्ष 2021 में कुल 13 दिनों का संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत, सांध्‍यकालीन पूजा का अधिक पुण्‍य मिलता है। समस्त शुभ कार्य को प्रारंभ करने से पूर्व सर्वप्रथम गौरी पुत्र श्री गणेश की पूजा-अर्चना का विधान माना गया है। सनातन हिंदू धर्म शास्त्रों में भगवान श्री गणेश की महिमा अनंत मानी गई है। सुख समृद्धि के लिए संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत रखने की धार्मिक परंपरा रही है। चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि के दिन किए जाने वाला व्रत संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

loksabha election banner

संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी इस बार नए वर्ष में आज शनिवार 2 जनवरी को पड़ी है। ज्योतिषाचार्य विमल जैन ने बताया कि पौष कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि शनिवार 2 जनवरी को सुबह 9:10 पर लगी है जो कि अगले दिन रविवार 3 जनवरी को सुबह 8:23 तक रहेगी। जिसके फलस्वरूप संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी का व्रत शनिवार 2 जनवरी को रखा जा रहा है। चंद्रोदय रात्रि 8:27 पर होगा श्री गणेश की पूजा अर्चना में चंद्र उदय के पश्चात चंद्रमा को अर्घ्‍य देकर किया जाता है। संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत के दिन सुबह उठकर अपने समस्त दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर देवी देवता की पूजा अर्चना के उपरांत जल, पुष्प, फल, गंध लेकर संकष्टि गणेश चतुर्थी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए। संपूर्ण व्रत के दिन सायं काल पुनः स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूर्व मुखीय श्री गणेश जी की पंचोपचार व षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। श्री गणेश जी को दूर्वा एवं मोदक अति प्रिय है।

श्री गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी महिमा में यश गान के रुप में श्री गणेश स्तुति संकटनाशक गणेश स्त्रोत श्री गणेश अथर्वशीर्ष श्री गणेश सहस्त्रनाम श्री गणेश चालीसा एवं श्री गणेश जी से संबंधित अन्य स्त्रोत का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि श्री गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करने से समस्त पापों का नाश होता है, सभी पापों का शमन होता है। अगर 1000 पाठ किए जाए तो धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। जन्म कुंडली के अनुसार ग्रह भी श्री गणेश चतुर्थी के दिन उपवास रखकर पूजन करने से शांत होते हैं। 

वर्ष 2021 के समस्त संकष्टी श्रीगणेश चतुर्थी व्रत की तिथि

2 जनवरी शनिवार, 31 जनवरी रविवार, 2 मार्च मंगलवार, 31 मार्च बुधवार, 30 अप्रैल शुक्रवार, 29 मई शनिवार, 27 जून रविवार, 27 जुलाई मंगलवार, 25 अगस्त बुधवार, 24 सितंबर शुक्रवार, 24 अक्टूबर रविवार, 23 नवंबर मंगलवार, 22 दिसंबर बुधवार।

काशी के प्रमुख गणेश मंदिर : श्री बड़ा गणेश लोहटिया, श्री चिंतामणि गणेश सोनारपुरा, श्री दुर्ग विनायक गणेश दुर्गाकुंड, साक्षी विनायक गणेश ढुंंढिराज गणेश विश्वनाथ गली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.