Move to Jagran APP

भगवान शिव की नगरी काशी में बंगीय समाज की महिलाअों ने सिंदूर खेला की रस्‍म अदा की

काशी में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन से पूर्व मां दुर्गा की मूर्ति को सिंदूर अर्पण कर बंगीय समाज की महिलाआें ने सिंदूर खेला की रस्म निभायी। इस दौरान दुर्गा पंडालों में नाचते गाते बंगीय समाज की महिलाअों ने सिंदूर खेला की रस्‍म अदा करते हुए परंपराओं का निर्वहन किया।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 01:26 PM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 01:26 PM (IST)
नाचते गाते बंगीय समाज की महिलाअों ने सिंदूर खेला की रस्‍म अदा करते हुए परंपराओं का निर्वहन किया।

वाराणसी, जेएनएन। काशी में दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन से पूर्व मां दुर्गा की मूर्ति को सिंदूर अर्पण कर बंगीय समाज की महिलाआें ने सिंदूर खेला की रस्म निभायी। इस दौरान दुर्गा पंडालों में नाचते गाते बंगीय समाज की महिलाअों ने सिंदूर खेला की रस्‍म अदा करते हुए परंपराओं का निर्वहन किया।

loksabha election banner

काशी में बंगीय समाज की ओर से नवरात्र आयोजन का यह शताब्‍दी वर्ष होने के साथ ही कोरोना संक्रमण की वजह से आस्‍थावानों के लिए भी चुनौतीपूर्ण आयोजन रहा। हालांकि, पर्याप्‍त सुरक्षा और सतर्कता के साथ ही दुर्गा पंडालों में देवी प्रतिमा की विदायी से पूर्व देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर महिलाओं ने एक दूसरे पर सिंदूर फेंक कर सिंदूर खेला की परंपरा निभायी।

वस्‍तुत: सिंदूर खेला की परंपरा बंगीय समाज में ही मनाया जाता है। इसके निर्वहन के लिए सोमवार को दुर्गा प्रतिमाओं की विदायी से पूर्व ही दुर्गा प्रतिमाओं की आरती और पूजन के साथ ही नृत्‍य कर मां को विदायी दी गई। इस दौरान लोगों को प्रसाद वितरित कर मां की स्‍तुति में गायन और आराधना का भी क्रम चला।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.