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Illegal Railway Ticket : ई-टिकट साफ्टवेयर बेचने वाले वाराणसी और छपरा के दो सरगना गिरफ्तार

सारण और वाराणसी जिले में छापेमारी कर दो सरगनाओं को गिरफ्तार किया। उनके पास से आइआरसीटीसी के 222 फर्जी यूजर एकाउंट मिले। 11 लाख 99 हजार 713 रुपये की 606 अवैध ई टिकट बरामद हुई। आरपीएफ ने इनके पास से अवैध साफ्टवेयर बूस्टर एक्सटेंशन वीपीएस आइपी जब्त कर ली।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 14 Sep 2021 08:35 PM (IST)Updated: Tue, 14 Sep 2021 08:35 PM (IST)
Illegal Railway Ticket : ई-टिकट साफ्टवेयर बेचने वाले वाराणसी और छपरा के दो सरगना गिरफ्तार
पीडीडीयू आरपीएफ पोस्ट में गिरफ्तारी की जानकारी देते कमांडेंट आशीष मिश्रा।

जागरण संवाददाता, चंदौली। वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त आशीष मिश्रा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने मंगलवार को एक बड़े गिरोह का राजफाश किया। टीम ने सारण (छपरा) व वाराणसी जिले में छापेमारी कर दो सरगनाओं को गिरफ्तार किया। उनके पास से आइआरसीटीसी के 222 फर्जी यूजर एकाउंट मिले। 11 लाख 99 हजार 713 रुपये की 606 अवैध ई टिकट बरामद हुई। आरपीएफ ने इनके पास से अवैध साफ्टवेयर, बूस्टर, एक्सटेंशन, वीपीएस, आइपी जब्त कर ली। पिछले दिनों काली महाल से गिरफ्तार टिकट दलाल की निशानदेही पर यह कार्रवाई हुई।

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आरपीएफ ने अवैध ई-टिकट बनाने वालों की गिरफ्तारी के लिए पीडीडीयू, आउट पोस्ट विक्रमगंज व क्राइम ब्रांच पीडीडीयू के अधिकारी व जवानों की एक विशेष टीम बनाई है। एक पखवारा पूर्व आरपीएफ ने काली महाल में जन सेवा केंद्र चलाने वाले मोहम्मद इश्तियाक अहमद व उसके भतीजे मोहम्मद शहीम को पकड़ा था। उनके पास से अवैध आइआरसीटीसी साफ्टवेयर, लगभग 75 फर्जी आइआरसीटीसी व्यक्तिगत अकाउंट पाया गया उनसे इन खातों से लगभग 1200 ई-टिकट बनाए थे। उसकी निशानदेही पर टीम ने सारण (छपरा) जिला स्थित दिघवारा क्षेत्र से विजय उर्फ शिवा और वाराणसी स्थित परसारा गांव से विकास सिंह को अवैध सुपर पैनल साफ्टवेयर का क्रय-विक्रय एवं उसके माध्यम से तत्काल टिकट निकालने के आरोप में गिरफ्तार किया। अवैध साफ्टवेयर के माध्यम से बने 1720 तत्काल ई-टिकट बरामद हुए। टीम में आरपीएफ के पीडीडीयू निरीक्षक संजीव कुमार, विक्रमगंज प्रभारी उपनिरीक्षक हरे कृष्ण ठाकुर, क्राइम ब्रांच के प्रधान आरक्षी पवन कुमार एवं टेक्निकल सेल के आरक्षी दुर्गेश आनंद शामिल रहे।

इन साफ्टवेयर ही होती है खरीद फरोख्त

अभी तक आरपीएफ अवैध टिकट बनाने वालों की ही गिरफ्तारी करती थी लेकिन, अब टीम साफ्टवेयर ही बेचने वाले गिरोह तक पहुंच गई है। साफ्टवेयर के जरिए अवैध तरीके से टिकट बनाते थे और टिकट बनाने वाले जनसेवा केंद्र संचालकों को एक दो महीने के लिए बेच दिया जाता है। आरोपित रेट बुल, रेल मिर्ची, डेल्टा, एनगेट,ओसीएएन साफ्टवेयर को बेचते थे।

33 की हो चुकी है गिरफ्तारी

आरपीएफ के विशेष अभियान में अब तक बिहार के सासाराम, डेहरी व गया के दूरदराज क्षेत्रों में छापेमारी के दौरान अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया है। ई-टिकटिंग के क्षेत्र में आरपीएफ साइबर सेल द्वारा सघन जांच कर रही है। मंडल, जोनल रेलवे व रेलवे बोर्ड द्वारा सभी जांच को अंतिम कड़ी तक जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि इस समस्या का जड़ से निदान हो सके।

साफ्टवेयर बेचने वाले एक बड़े गिरोह का राजफाश करना बड़ी सफलता है

अवैध ई टिकट बनाने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा ताकि रेल यात्री को सुगमता से रेल टिकट मुहैया हो सके। साफ्टवेयर बेचने वाले एक बड़े गिरोह का राजफाश करना बड़ी सफलता है।

-आशीष मिश्रा, आरपीएफ कमांडेंट, पीडीडीयू मंडल


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