आइआइटी-बीएचयू का दीक्षा समारोह : नए भारत के निर्माण का आधार बनेगी नई शिक्षा नीति, बोले- रमेश पोखरियाल
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू का आठवां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को स्वतंत्रता भवन सभागार में हुआ।
वाराणसी, जेएनएन। नई शिक्षा का नीति का मसौदा परिणाम आधारित है, जो नए भारत के निर्माण की आधारशिला बनेगा। इसमें वर्तमान जरूरत के हिसाब से जहां तकनीकि शिक्षा का समावेश है, वहीं पुरातन ज्ञान के प्रसार का मार्ग प्रशस्त किया गया है। वहीं रोजगार सृजन के क्रम में स्टार्ट-अप, व्यवहारिक ज्ञान, अनुसंधान, पर्यावरण संरक्षण आदि को भी शामिल किया गया है। यह बातें केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शुक्रवार को स्वतंत्रता भवन सभागार में आयोजित आइआइटी-बीएचयू के आठवें दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही।
कहा ज्ञान-विज्ञान के साथ ही अनुसंधान क्षेत्र में भारत ने विश्व का नेतृत्व किया है। फाइव ट्रिलियन डालर इकोनामी का लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं है। इसमें प्रौद्योगिकी संस्थानों की भूमिका अहम है। मेधावियों को संबोधित करते हुए कहा कि मेहनत, ईमानदारी और निष्ठा का कोई विकल्प नहीं है। हर छात्र के लिए यह अहम क्षण है, जो उल्लास और उत्साह से भरा हुआ है। इसी उत्साह के साथ आपको भविष्य की चुनौतियों का भी सामना करना होगा। आप सिर्फ अपने माता-पिता ही नहीं बल्कि देश के लिए भी आशाओं के केंद्र हैं। इससे पूर्व एमएचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक व संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने मेधावियों को उपाधि, पदक व पुरस्कारों से विभूषित किया।
इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग के छात्र विभोर बंसल ने सर्वाधिक दस स्वर्ण व एक रजत पदक सहित तीन पुरस्कार हासिल कर अपनी मेधा का परचम लहराया। वहीं केमिकल इंजीनियङ्क्षरग की छात्रा एलेश्वरपु श्रावणि को छह स्वर्ण पदक सहित दो पुरस्कार प्रदान किए गए। वहीं 'राष्ट्रपति पदक बीटेक (कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियङ्क्षरग ) की छात्रा श्रुति राजलक्ष्मी व 'निदेशक पदक धातुकीय इंजीनियरिंग विभाग के साई पवन एसएन को प्रदान किया गया। समारोह में संस्थान के विभिन्न पाठ्यक्रमों के 1282 मेधावी छात्रों को उपाधि प्रदान की गई। इनके 754 बीटेक, 197 आइडीडी/आइएमडी, 252 एमटेक/एमफार्मा और 79 शोध छात्र शामिल रहे। इसके अलावा कुल 54 स्नातकों को विभिन्न श्रेणियों में 81 पदक 17 पुरस्कार प्रदान किए गए।