IGRS Ranking : वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के तीन थानों आदमपुर, दशाश्वमेध और सिगरा को मिला यूपी में पहला स्थान
आनलाइन जनशिकायतों के निस्तारण के लिए पुलिस विभाग द्वारा समेकित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) में प्रदेश स्तर पर रैंकिंग में कमिश्नरेट के तीन थानों ने पहला स्थान प्राप्त किया है। यह थाने हैं आदमपुर दशाश्वमेध और सिगरा जिन्हें जनशिकायतोंं का निस्तारण करने में शत-प्रतिशत अंक हासिल हुआ है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : आनलाइन जनशिकायतों के निस्तारण के लिए पुलिस विभाग द्वारा समेकित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) में प्रदेश स्तर पर रैंकिंग में कमिश्नरेट के तीन थानों ने पहला स्थान प्राप्त किया है। यह थाने हैं आदमपुर, दशाश्वमेध और सिगरा, जिन्हें जनशिकायतोंं का निस्तारण करने में शत-प्रतिशत अंक हासिल हुआ है। इन तीनों थाना प्रभारियों को पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने प्रशस्ति पत्र जारी किया है।
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिगरा थाना प्रभारी राजू सिंह, आदमपुर थाना प्रभारी अजीत कुमार वर्मा व दशाश्वमेध प्रभारी अजय मिश्रा को प्रशस्ति पत्र जारी करते हुए भविष्य में ऐसे ही जनशिकायतों का समयावधि में गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने के निर्देश दिए गए हैं।
निचले पायदान पर आने वाले 3 थाना प्रभारियों को चेतावनी पत्र जारी
बताया कि कमिश्नरेट के सबसे निचले पायदान पर आने वाले तीन थाना प्रभारियों को चेतावनी पत्र जारी किया गया है। चेतावनी पत्र पाने वाले कोतवाली प्रभारी भरत उपाध्याय, चितईपुर प्रभारी बैजनाथ सिंह और पर्यटक थाना के प्रभारी अरविंद कुमार हैं। इन तीनों थानों की खराब रैंकिंग के कारणों की समीक्षा डीसीपी से कराई जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
आइजीआरएस रैंकिंग मापने के मानक
आनलाइन प्राप्त शिकायतों के निस्तारण में थानों की रैंकिंग मापने के विभिन्न मानक हैं। पुलिस कमिश्नर के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन समेत सरकार के विभिन्न आनलाइन प्लेटफार्मो पर प्राप्त शिकायती पत्र कितने समय सीमा में निस्तारित हुए।
निस्तारण की गुणवत्ता तथा शिकायत की प्रकृति के आधार पर निर्धारित अवधि के अंदर कितनों का निस्तारण हुआ। इसके अलावा जनता द्वारा दिए गए फीडबैक के आधार पर रैंकिंग का निर्धारण होता है। इसके तहत फोन काल करके शिकायत करने वालों से पूछा जाता है कि वे निस्तारण से संतुष्ट हैं या नहीं। संतुष्ट नहीं होने पर माइनस मार्किंग होती है। साथ ही अधिकारियों द्वारा रेंडम जांच भी की जाती है।