विश्व तंबाकू निषेध दिवस : अगर कैंसर से बचना चाहते हैं तो तंबाकू के सेवन से रहें दूर
पिछले वर्ष जारी आकड़ो के अनुसार देशभर में करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व अन्य बीमारियों से हर रोज दम तोड़ देते हैं।
वाराणसी, जेएनएन। शौक के कारण कुछ लोग जाने अनजाने में तम्बाकू उत्पादों का सेवन शुरू करते हैं और बाद में यही शौक धीरे धीरे लत मेँ परिवर्तित हो जाता है। बीड़ी, सिगरेट, जर्दा, खैनी, हुक्का, गुटखा, तम्बाकू वाला पान, गुल इत्यादि ये सभी तम्बाकू से बने होते हैं। अगर आप इनमें से किसी का भी सेवन कर रहे है तो इसका सीधा मतलब है की आप बहुत से खतरनाक रोगों को दावत दे रहे हैं। तंबाकू में 28 तरह के कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर हो सकता है। इनमें निकोटीन के अलावा टार, मार्श गैस, अमोनिया, कोलोडान, पापरीडिन, फॉस्फोरल प्रोटिक अम्ल, परफैरोल, ऐजालिन सायनोजोन, कोर्बोलिक ऐसिड, बेनजीन इत्यादि कैंसर उत्पन्न करने वाले अनेक तत्व तथा रसायन पाये जाते हैं। पिछले वर्ष जारी आकड़ो के अनुसार देशभर में करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व अन्य बीमारियों से हर रोज दम तोड़ देते हैं। इतने हानिकारक प्रभावों को देखते हुए हर आदमी इसे छोड़ना चाहते है फिर भी तंबाकू, सिगरेट, गुटखा हो या अन्य कोई निकोटीन युक्त पदार्थ, बुरी तरह आदी होने पर छोड़ना मुश्किल हो जाता है।
तंबाकू की खराब आदतों को कैसे छोड़ा जाए इस बारे में चर्चा कर रहे है चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डॉ अजय कुमार से।
वैद्य अजय कुमार बताते हैं कि हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में धूम्रपान करने के प्रभाव, तंबाकू चबाने और इससे उत्पन्न हुई बीमारियां जैसे कि कैंसर, दिल की बीमारियां, आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 31 मई को मनाया जाता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1988 में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 31 मई को एक और प्रस्ताव पारित किया गया और तब से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा।
तंबाकू का स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है
विश्व स्वास्थय संगठन (WHO) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 1 सिगरेट जिंदगी के 11 मिनट और पूरा पैकेट 3 घंटे 40 मिनट छीन लेता है। इसके अलावा और भी बहुत सी स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनमें से कुछ प्रमुख हैं-
1. यह मुह में अल्सर, दांत की सड़न और पीला होना आदि का कारण बन सकता है।
2. इसके सेवन से सांसों में बदबू होने की शिकायत हो जाती है।
3. यदि कोई व्यक्ति तंबाकू का सेवन लगातार करता है तो कैंसर, फेफड़ों की बीमारी, हृदय रोग, स्ट्रोक इत्यादि जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
4. तंबाकू चबाने वाले व्यक्ति को मौखिक कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
गुटखा तम्बाकू छोड़ने के उपाय-
तंबाकू की लत जितनी आसानी से पकड़ती है, छूटती उतनी ही मुश्किल से है। जब भी कोई व्यक्ति इसे छोड़ना चाहता है इसे छोडऩे के दौरान सिरदर्द, कफ, वजन बढऩा,अनिद्रा जैसी परेशानियां होने लगती है जिस कारण वह पुनः इसका सेवन शुरू कर देता है लेकिन मन में पक्का निश्चय कर कुछ उपायों द्वारा इसे मात भी दी जा सकती है-
1. नशा छोड्ने का मन से निश्चय करेँ। मन को पक्का करें कि आप इस गंदी लत को हर हालत में छोड़ना चाहते हैं।
2. एक झटके से इन चीजों को छोड़ने की गलती ना करें। सिगरेट, गुटखा आदि की मात्रा धीरे धीरे कम करते जाए।
3. अगर इन चीजों का सेवन करने का मन करें तो किसी से बात करें और अपना ध्यान इस ओर से हटा लें।
4. अगर कोई इन चीजों का सेवन करने के लिए उकसाए या दवाब बनाएं तो खुद को दृढ़ रखें और साफ इंकार करें।
5. तंबाकू छोड़ने के लिए मुह में इलायची, सौफ या च्यूइंगम चबाते रहिये।
6. अपने पास सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू, एवँ माचिस आदि रखना छोड देँ
7. खान पान एवं लाइफ स्टाइल में सुधार करें ।पौष्टिक भेाजन, भरपूर पानी पीएं और इसके साथ शारीरिक व्यायाम जरूर करें।
तंबाकू छोड़ने के आयुर्वेद में क्या इलाज़ है-
1. सौंफ और अजवाइन लेकर तवे पर भून लें, इसमें थोड़ा सा नींबू का रस और काला नमक डालकर रखे। जब भीतंबाकू सिगरेट की तलब लगे तो इसे चुटकी भर मुंह में रख लें।
2. गुनगुने पानी मे नींबू का रस और शहद मिलाकर पीएं । इससे तलब कम होगी ।
3. सूखे आंवले के टुकडे, इलायची, सौंफ, हरड के टुकडे पीस कर मुंह में रख लें। इससे तलब कम होगी ।
4. योग और प्राणायाम के माध्यम से मन को मजबूत करे।
5. इमली , निम्बू, खट्टा अनार के रस का सेवन करे।
6. जीरा, सोंठ और निम्बूवक रस पानी में मिलाकर सेवन करे।
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