कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक संकट गहराया तो आत्मनिर्भर बन गरीबी को भगाया, वाराणसी की महिलाएं बेरोजगारी की धो रही दाग
प्रधानमंत्री के सांसद आदर्श ग्राम नागेपुर की महिलाएं भी अब किसी मामले में पीछे नहीं हैं। आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल बनीं महिलाएं इन दिनों काफी सुर्खियों में है। महिलाओं का मानना है कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान ने काम को बहुत आसान बना दिया है।
वाराणसी, शैलेंद्र सिंह पिंटू। आज के बदलते परिवेश में देश की आधी आबादी यानी कि महिलाएं हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री के सांसद आदर्श ग्राम नागेपुर की महिलाएं भी अब किसी मामले में पीछे नहीं हैं। कोरोना के दौर में हुए लॉकडाउन में जब परिवार पर आर्थिक संकट गहराया तो महिलाएं वाशिंग पाउडर का निर्माण शुरू कर आत्मनिर्भर बन गरीबी को भगा कर दिखाया। यह पहल महिला सशक्तिकरण की एक मिसाल है। आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल बनीं महिलाएं इन दिनों काफी सुर्खियों में है। महिलाओं का मानना है कि प्रधानमंत्री के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान ने काम को बहुत आसान बना दिया है।
प्रधानमंत्री द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत द्रितीय चरण में गोद लिए गए नागेपुर गांव में कोरोना संक्रमण के दौर में लगे लॉकडाउन के चलते जब परिवार में आर्थिक संकट गहराया तो स्वंय सहायता समूह की महिलाओं ने आशा ट्रस्ट व लोक समिति की मदद से कपड़ा धोने के वाशिंग पाउडर का निर्माण शुरू कर गरीबी व बेरोजगारी का दाग धोने लगी।इसके साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त भी होने लगी।
महिला समूह की अध्यक्ष कलावती ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते घर के मुखिया को काम नही मिल रहा था।घर की आर्थिक स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही थी।इसके बाद नागेपुर में 15 महिलाओं का समूह बनाकर कुछ बचत शुरू किया, फिर आशा ट्रस्ट एवं लोक समिति के माध्यम से वाशिंग पाउडर बनाने का प्रशिक्षण लिया।अब हमलोग खुद वाशिंग पाउडर बनाकर मार्केटिंग शुरू किया है।वाशिंग पाउडर को आराजीलाइन तथा सेवापुरी ब्लाक के 70 गांव में 115 स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओ समेत स्थानीय बाजारों में बेचा जा रहा हैं।महिलाएं आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर उत्पादन कर बाजार में मार्केटिंग का पूरा योजना बना रही हैं।वाशिंग पाउडर के जरिए महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण की मिसाल पेश करने के साथ ही आत्मनिर्भर भी बन रही हैं।इस मुहीम में नागेपुर की कलावती, ऊषा, संगीता, मधुबाला, नगीना, प्रमिला, सोनी, अनीता समेत अन्य महिलाएं लगी हुई है।
लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी में गरीब परिवार की माली हालत बहुत दयनीय हो गयी थी।घर के मुखिया बेरोजगार हुए तो घर में खाने के लाले पड़ गए। आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा गया।महिलाएं घर पर काम कर स्वयं सहायता समूह के माध्यम से बाजारों में वाशिंग पाउडर बेंच रही हैं।इस वर्ष कोरोना महामारी में महिलाएं आत्मनिर्भर बन रोजगार कर रही हैं।