शटलर पीवी सिंधु से रैकेट का गुर सीख रहीं दुद्धी की इच्छिता जायसवाल, हैदराबाद में बैटमिंटन के हर बारीकियों को सीखने पर फोकस
विश्व चैंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु से इन दिनों दुद्धी की बिटिया इच्छिता जायसवाल रैकेट का गुर हैदराबाद में सीख रही हैं।
सोनभद्र, जेएनएन। विश्व चैंपियन बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु से इन दिनों दुद्धी की बिटिया इच्छिता जायसवाल रैकेट का गुर हैदराबाद में सीख रही हैं। चौदह वर्षीय शिष्या में अपना अश्क उतारने के लिए कोर्ट में जमकर पसीना बहाया जा रहा है। क्लास रूम में भी कलाइयों की बारीकियां सीखीं जा रही हैं। इच्छिता की मां राखी एवं पिता रवीन्द्र जायसवाल ने एकलौती बेटी को स्थानीय स्तर पर शिक्षा दिलाने के बाद देश का रोशन करने के लिए हजार किमी दूर शहर में भेज दिया।
हैदराबाद के एक अकादमी में तपस्या करने वाली इच्छिता दुद्धी के श्रीरामलीला कमेटी के अध्यक्ष रवीन्द्र जायसवाल एवं इनर व्हील क्लब की पूर्व अध्यक्ष राखी जायसवाल की इकलौती संतान हैं। जायसवाल दंपती ने बताया कि उसकी प्राथमिक शिक्षा जेम्स इंग्लिश स्कूल एवं उच्च प्राथमिक शिक्षा उत्तराखंड के अशोका हाल गर्ल्स स्कूल रानीखेत में हुई है। इस दौरान उसकी रुचि बैडमिंटन की ओर बढ़ी। इसे देख जायसवाल दंपती ने राजस्थान के मोदी स्कूल में आठवीं एवं दसवीं की परीक्षा दिलाने के बाद बीते साल उसका दाखिला हैदराबाद के स्थित अकादमी में करा दिया। दाखिला के साथ उसकी मुलाकात पीवी सिंधु से हुई। उस वक्त सिंधु विश्व चैंपियन बनने का सपना संजोये उसी अकादमी में अपने कोच पुल्लेला गोपीचंद से तकनीकी गुर सिख रही थीं। नन्ही बालिका इच्छिता के हाथ के रैकेट में बुलेट की रफ्तार देख दोनों मंत्रमुग्ध हो गये।
यह संयोग ही था कि इसके चंद दिनों बाद ही पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियन का खिताब देश के नाम कर पूरी दुनिया में सनसनी मचा दी। इसकी वजह से भी बिटिया उनकी चहेती बन गई। जायसवाल दंपती ने बताया कि अब जब भी मौका मिलता है तो पुल्लेला गोपीचंद एवं विश्व चैंपियन पीवी सिंधु बेटी इच्छिता को न सिर्फ समय देते हैं बल्कि खेल की तमाम बारीकियों के बारे में भी समझाते रहते हैं। इसी कड़ी में मंगलवार की सुबह भी सिंधु ने बेटी को बैडमिंटन कोर्ट में कई तरह का प्रशिक्षण दिया। दंपती ने अपनी इच्छा जताते हुए कहा कि जिस तरह से वे एवं उनकी बेटी त्याग एवं तपस्या कर रही है उसका सकारात्मक परिणाम अवश्य मिलेगा। उन्होंने बताया कि बेटी को अभी किसी बड़े खेल में प्रतिभाग करने का मौका नहीं मिला है।