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Coronavirus in varanasi : हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन का बिना चिकित्सीय परामर्श के सेवन घातक

मलेरिया की दवा बिना चिकित्सीय सलाह के लेना घातक है।

By Edited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 01:56 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 09:41 AM (IST)
Coronavirus in varanasi : हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन का बिना चिकित्सीय परामर्श के सेवन घातक
Coronavirus in varanasi : हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन का बिना चिकित्सीय परामर्श के सेवन घातक

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमित व संदिग्ध के इलाज में लगे चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को मलेरिया के इलाज में काम आने वाली दवा हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन के प्रयोग को लेकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने हाल ही में मंजूरी दी थी। ट्रायल स्टेज की ये दवा को कुछ लोग बिना चिकित्सीय सलाह के ले रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यह बातें चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित मॉलिक्यूलर बायोलॉजी यूनिट के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनीत कुमार सिंह ने रविवार को कहीं। प्रो. सिंह के मुताबिक पूरी तरह प्रभावितों की जांच कर हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन की संस्तुति नहीं की गई है। इसलिए स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत होने पर खुद डॉक्टर न बनें, बल्कि चिकित्सक के पास जाएं। आपकी मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए चिकित्सक की ओर से जो दवा बताई जाए सिर्फ वही लें। मेडिकल स्टोर से यूं ही कोई भी दवा खरीदकर कर लेना घातक हो सकता है। 

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इसलिए बढ़ी इस दवा की मांग

जब वायरस शरीर में घुसकर श्वसन तंत्र में पाई जाने वाली कोशिकाएं एसीई-2 रिसेप्टर (एंजियोटेसिल कन्वर्टिंग इंजाइम रिसेप्टर) से जुड़ता है तो वह कोशिका की ऊपरी सतह यानी सेल मेम्ब्रेन में धंसने लगता है। यह प्रक्रिया एंडोसाइटोसिस कहलाती है। वायरस भीतर की ओर धंस कर इंडोसोम (कोशिका की बाहरी झिल्ली) का आवरण बना लेता है और कोशिका के साइटोप्लाज्म में रिलीज होने की कोशिश करता है। इंडोसोम के भीतर का वातावरण अम्लीय होने पर यह साइटोप्लाज्म में आसानी से रिलीज हो जाता है और अपनी संख्या को बढ़ाने लगता है। मगर हाइड्रॉक्सी क्लोरोक्वीन दवा इस अम्लीयता को घटा कर क्षारीय कर देती है। लिहाजा वायरस इंडोसोम में ही कैद होकर रह जाता है। प्रो. सिंह के मुताबिक यह सीमित स्टडी है। यानी हम अभी ट्रायल वाली स्थिति में हैं। महामारी के मामलों में ऐसी दवाओं के इस्तेमाल की अनुमति डाक्टरों को सरकार देती है।


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