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Hyderabad doctor murder case: तेलंगाना पुलिस के समर्थन में पूर्वांचल की महिलाएं और छात्राएं, सोशल मीडिया पर बधाई पोस्‍ट

हैदराबाद घटना को लेकर पूर्वांचल की महिलाओं व छात्राओं में हर्ष है। कई जगहों पर तेलंगाना पुलिस के पक्ष में प्रदर्शन कर उनको बधाई दी जा रही हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 01:20 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 07:10 PM (IST)
Hyderabad doctor murder case: तेलंगाना पुलिस के समर्थन में पूर्वांचल की महिलाएं और छात्राएं, सोशल मीडिया पर बधाई पोस्‍ट
Hyderabad doctor murder case: तेलंगाना पुलिस के समर्थन में पूर्वांचल की महिलाएं और छात्राएं, सोशल मीडिया पर बधाई पोस्‍ट

वाराणसी, जेएनएन। हैदराबाद में पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। तेलंगाना पुलिस आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए ले जाया गया था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उनपर गोलियां चला दीं। इस मुठभेड़ में चारों आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले पर लगातार प्रतिक्रियाएं और अपडेट आ रहे हैं।

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घटना को लेकर पूर्वांचल की महिलाओं व छात्राओं में हर्ष है। कई जगहों पर तेलंगाना पुलिस के पक्ष में प्रदर्शन कर उनको बधाई दी जा रही हैं। जौनपुर में शारदा इंटर कालेज की छात्राओं ने पुलिस को बधाई दी है। सोशल मीडिया पर तक तेलंगाना पुलिस के समर्थन में कई पोस्‍ट हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर यूजर इस एनकाउंटर पर पुलिस को बधाई दी है और इसको सही कदम बताया। लोगों का मानना है कि यह बहुत अच्छा हुआ है। इससे दोषियों में डर पैदा होगा और वह किसी भी लड़की के साथ दुष्कर्म करने से पहले दस बार सोचेगा।

स्कूल-कालेजों की छात्राओं व महिलाओं ने घटना का सराहा

तेलंगाना में महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले सभी चारों आरोपितों को मुठभेड़ में ढेर होने की खबर सुनते ही छात्राओं, महिलाओं समेत पुरुषों में भी खुशी का माहौल है। पुलिस की इस कार्रवाई से स्कूल-कालेजों की छात्राओं व समाज की महिलाओं ने जश्न मनाया। सभी ने कहा कि पुलिस ने बहादुरी का कार्य किया, इससे अपराध कमी आएगी। टीडी महिला कालेज में छात्राओं ने एक-दूसरे से गले मिलकर आपस में बधाई दी। कहा हैदराबाद में पुलिस ने जिस प्रकार से बहादुरी का परिचय देते हुए चार वहशी दङ्क्षरदों को मौत के घाट उतारा है, वह काबिले तारीफ है। इसी को प्रेरणा मानकर अन्य राज्यों में दुष्कर्म की घटना पर इसी तरह की कार्रवाई होनी चाहिए। इससे अपराध जड़ से खत्म हो जाएगा।

मां शारदा इंटरमीडिएट बालिका विद्यालय खानापट्टी, जौनपुर की छात्राएं शुक्रवार को जब विद्यालय पहुंची तो प्रार्थना सभा के बाद विद्यालय परिसर में ही जश्न मनाना शुरू कर दिया। छात्राओं ने जेब खर्च के पैसों, प्रधानाचार्य शरद सिंह व अन्य अध्यापकों द्वारा सहयोग राशि एकत्रित करके मिठाई मंगाकर विद्यालय में वितरित किया। विद्यालय की छात्राओं ने हाथों में तख्तियां लेकर, जिस पर लिखा था 'तेलंगाना पुलिस हमे आप पर गर्व है'। इस अवसर पर रामचन्द्र सिंह, सुशील सिंह, श्रवण यादव, कविता सिंह, राजकुमार जायसवाल, अजय गुप्ता, सन्तोष उपाध्याय, प्रवीण सिंह, सौरभ सिंह आदि प्रमुख रहे। वहीं सुनीता पैरा मेडिकल कालेज की छात्राओं ने भी जश्न मनाया।  उनका कहना था कि तेलंगाना पुलिस ने वहशी दङ्क्षरदों को बहादुरी के साथ मुठभेड़ में ढेर कर बहनों द्वारा बांधी गई राखी का कर्ज उतार दिया।

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने दूसरों का बढ़ता है मन : मीना चौबे

 राज्य महिला आयोग की सदस्य मीना चौबे ने कहा कि आजाद देश में कड़े कानून होने के बाद भी कुछ लोग उसका मजाक उड़ा रहे हैं। हैदराबाद की घटना में आरोपियों को पुलिस मुठभेड़ में एनकाउंटर करने को सही ठहराया। हैदराबाद में ही नहीं, बल्कि देश में महिलाओं के साथ अमानवीय घटना करने वालों के लिए और सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होने पर दूसरे लोगों का मन बढ़ता है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर हम अप्रिय घटनाओं को रोक सकते हैं। यह बातें उन्होंने दैनिक जागरण से विशेष बातचीत में कही। बातचीत के कुछ अंश। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ अमानवीय घटना होने के बाद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है, यदि वे कानून के शिकंजे में आ गए हैं तो मामला न्यायालय में विचाराधीन है। निर्भया हत्याकांड में आरोपी को सजा होने के सात साल बाद भी अभी तक उसे अमल में लाया नहीं जा सका। महिलाओं के साथ कोई भी अमानवीय घटना होने पर त्वरित सुनवाई कर एक निश्चित अवधि में आरोपी को सजा सुनाई जाए। कई छात्राएं और महिलाएं डर के मारे घर से बाहर नहीं निकलती हैं, पुलिस में शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। उन्हीं मामलों पर कार्रवाई होती है जो मीडिया के माध्यम से उजागर होते हैं। लड़कियों और महिलाओं के साथ कोई घटना होने पर आरोपी को बचाने मानवाधिकार के लोग सामने आ जाते हैं लेकिन उस समय वे कहां रहते हैं जब पीडि़त के साथ कोई घटना होती है। डर के मारे कई लड़कियां अपनी जान तक गंवा चुकी है।


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