दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी में सुविधाएं फिसड्डी, यह कैसी स्मार्ट सिटी Varanasi news
दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी को स्मार्ट बनाना है पर ये हो कैसे।
वाराणसी, जेएनएन। दुनिया की प्राचीनतम नगरी काशी को स्मार्ट बनाना है, पर ये हो कैसे। यह बड़ा सवाल है, मगर उत्तर कहीं नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र को स्मार्ट सिटी घोषित हुए पांच साल बीतने को है, लेकिन बिजली, पानी व सफाई की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर है। स्मार्ट सिटी की बड़ी उपलब्धि में सिर्फ सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। हालांकि, बनने के बाद इसकी उपयोगिता अब भी नहीं के बराबर है। सिर्फ चौराहों पर ट्रैफिक नियम बताने, कैमरे के माध्यम से ऑनलाइन चालान करने के अलाव कुछ भी ऐसा कार्य नहीं हो रहा है जिससे सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की उपयोगिता को स्मार्ट योजनाओं के सापेक्ष महत्वपूर्ण बताया जा सके।
स्मार्ट सिटी के तहत कुछ पार्को का सुंदरीकरण व ओवरहेड टंकियों को रंगने के अलावा कोई बड़ा कार्य नहीं किया जा सका। नगर निगम अफसरों पर काम का दबाव स्मार्ट सिटी को अपेक्षित गति नहीं दे पा रहा है। दुनिया के स्मार्ट शहरों में बार्सिलोना, ओहियो, अर्लिगटन, न्यू ताइपे, रियोडिजिनेरो आदि प्रमुख हैं।
वीडीए को मिले बड़ी जिम्मेदारी : खास यह कि स्मार्ट सिटी के कांसेप्ट को देखें तो इसकी बड़ी जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण को देनी चाहिए, जहां के अफसरों व कर्मियों के पास खास काम ही नहीं है। वीडीए सचिव विशाल सिंह के नेतृत्व में श्रीकाशी विश्वनाथ कॉरिडोर को जमीन पर लाने का बड़ा कार्य हो चुका है। पीएम व सीएम ने उनकी सराहना की है।
स्मार्ट सिटी का यह है कांसेप्ट ट्रांसपोर्ट : एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाने में लगेगा 45 मिनट -न्यूनतम दो फीट चौड़ा हो फुटपाथ -रिहाइशी इलाकों से 800 मीटर दूरी पर मिले बस या मेट्रो आवास : -95 फीसद इलाके ऐसे हों जहा से 400 मीटर दूर हो स्कूल, पार्क, मनोरंजन स्थल -20 फीसद मकान कमजोर वर्ग के लिए बिजली व पानी : - 24 घटे मिले बिजली व पानी -100 फीसद घरों में हो बिजली व पानी कनेक्शन, वह भी मीटरयुक्त शिक्षा : -15 फीसद इलाका शैक्षणिक संस्थाओं केलिए हो -1500 की आबादी पर मुफ्त प्राथमिक विद्यालय, 5000 लोगों पर प्राइमरी, 7500 लोगों पर सीनियर सेकेंड्री और 10,0000 की आबादी पर इंटर कॉलेज। -10 लाख आबादी पर एक यूनिवर्सिटी, मेडिकल, इंजीनियरिंग, प्रोफेशनल और पैरामेडिकल कॉलेज।
स्वास्थ्य : आधे घटे में एमरजेंसी सुविधा -15000 लोगों पर डिस्पेंसरी -एक लाख की आबादी पर 30 बिस्तर का अस्पताल, 80 बेड वाला मध्यम तथा 200 बेड वाला बड़ा अस्पताल -50,000 लोगों पर जांच केंद्र
वाई-फाई कनेक्टिविटी : 100 फीसद घरों में सौ फीसद वाई-फाई कनेक्टिविटी
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