गृह मंत्री अमित शाह ने सोनभद्र के बीना में इको पार्क का किया शिलान्यास
गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ऑनलाइन सोनभद्र के बीना में इको पार्क शिलान्यास किया। इससे पूर्व एनसीएल परियोजना परिसर में पूजन किया गया।
सोनभद्र, जेएनएन। गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला मंत्रालय की ओर से गुरुवार को अनपरा क्षेत्र में एनसीएल की बीना परियोजना में आयोजित पौधारोपण अभियान का इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शुभारंभ और एनसीएल के बीना इको पार्क का शिलान्यास किया। गृहमंत्री ने कहा कि आज जो वन व उपवन लगाए जा रहे हैं, उनमें तिलक व आजाद का नाम जोड़ा जाए।
उन्होंने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण इसलिए है कि आज बाल गंगाधर तिलक व चंद्रशेखर आजाद की जयंती हैं। दोनों महापुरुषों ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। तिलक का मंत्र 'आजादी मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, आज भी देश के हर व्यक्ति की जुबां पर है। चंद्रेशखर आजाद कभी नहीं झुके, न झुकने पर विचार किया। उन्होंने युवाओं को राष्ट्रभक्ति की जो प्रेरणा दी है वह आज भी कायम है।
गृहमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि कोयला खनन को पर्यावरण क्षति मंत्रालय कहा जाता है लेकिन आज कोल मंत्रालय द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़े पैमाने पर काम किए जा रहे हैं। प्रकृति हमारी मां है। इसका दोहन कर सकते हैं, शोषण नहीं। जलवायु परिवर्तन से पूरा विश्व भयभीत है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है- 'पेड़ों में मैं पीपल हूं। एक वृक्ष दस पुत्रों से अधिक मानव की रक्षा करता है। देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो जल्दी खनन कर आयात को कम करना है।
गृहमंत्री ने कहा कि कामर्शियल माइनिंग देशहित में है। 18 जून को प्रधानमंत्री ने 41 कोल ब्लाकों की नीलामी कर कामर्शियल माइनिंग की शुरुआत की थी। 2024 तक एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। 534 परियोजनाओं को चिह्नित किया गया है। कोयला उद्योग एक बिलियन कोयला उत्पादन करेगा।
इस अवसर पर संसदीय कार्य, कोयला एवं खान मंत्री प्रह्लाद जोशी भी उपस्थित रहे। यह आयोजन कोयला लिग्नाइट के भंडार वाले 10 राज्यों के 38 जिलों में फैले 130 से भी अधिक स्थानों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ। इसमें ई-माध्यम से एनसीएल की सभी परियोजनाएं एवं कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियां जुड़ी रहीं।
गृहमंत्री ने एक दिन में 150 स्थानों पर छह लाख से अधिक पौधों के रोपण तथा पांच लाख से अधिक पौधों के वितरण के लिए कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया को शुभकामनाएं दीं। एनसीएल मुख्यालय में सीएमडी प्रभात कुमार सिन्हा, सीधी-सिंगरौली की सांसद रीति पाठक, एनसीएल के निदेशक गुणाधर पांडेय, बिमलेंदु कुमार, डा. अनिंदय सिन्हा, राम नारायण दुबे, श्रमिक एवं अधिकारी संघ के पदाधिकारी मुख्यालय के विभागाध्यक्ष आदि इस कार्य के साक्षी बने। मुख्यालय परिसर समेत सभी कोल परियोजनाओं में वृहद स्तर पर पौधरोपण किया गया। पौधारोपण अभियान के तहत 80 एकड़ भूमि में 80 हजार से अधिक पौधों का रोपण तथा 20 हजार से अधिक फलदार पौधों का वितरण किया गया।
विभिन्न प्रजाति के लगाएं गए पौधे : एनसीएल परिक्षेत्र के पर्यावरण पारिस्थितिकी तंत्र में क्षेत्रीय फ्लोरा एवं फौना के संरक्षण एवं संवर्धन को ध्यान में रखते हुए बांस, सिसु, करंज, बहेरा, नीम, अर्जुन, आंवला, सागौन, कचनेर, खमेर, सिरिस, सुबबुल, जंगल जलेबी, चटिम, अमलतास, महुआ, जामुन, आम, अमरुद, गुलमोहर, चिरोल, अकासिया, अशोक, पेंडुला आदि के पौधे रोपित किए गए। अभियान के दौरान वितरित किए जाने वाले फलदार पौधों में आम, अनार, नींबू, आंवला, पपीता, अमरूद, केला, जामुन, कटहल आदि शामिल रहे। एनसीएल ने अभी तक ओबी डंप और मैदानी क्षेत्रों में 5854 हेक्टेयर भूमि पर 2.43 करोड़ से अधिक पेड़ लगाए गए हैं।
70 हजार वर्ग मीटर में होगा बीना का इको पार्क
70 हजार वर्ग मीटर में निर्धारित यह इकोपार्क जनपद ही नहीं वरन प्रदेश में अलग होगा। एनसीएल की ओर से इसके लिए विशेष खाका खींजने की योजना है। यह पार्क बीना परियोजना परिसर में ही रिहंद जलाशय के समीप होगा जो वहां जाने वालों के लिए स्वास्थ्यवर्धक भी सिद्ध होगा। धरती पर बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इन दिनों इकोपार्क की सबसे अधिक आवश्यकता महसूस की जाने लगी है। ऐसे पार्क पर्यावरणनुकूल व रोजगार के साथ मनोरंजन के प्रमुख केंद्र होते हैं। उम्मीद तो जताई जा रही है कि इस पार्क में आकर्षित करने के लिए विशेष प्रकार के वृक्ष, घास का मैदान, रोज गार्डन, टॉपिकल ट्री गार्डन, बांस का जंगल, संगीत फव्वारा, फलों का बगीचा, बटरफ्लाई पार्क, फूड पार्क, चिल्ड्रन पार्क, शिल्पी कुटी, शिशु केन्द्र होंगे।
बाउंड्री वाल का निर्माण, बैठने के चबूतरे व टहलने के लिए पथ-वे के निर्माण होगा
इसके अलावा पार्क में जैसे तीरंदाजी, बेबी साइकिलिंग, ई-वाइक, इको कार्ट, गेमिंग जोन, स्पीड बोट, पैडल बोटिंग, राइफल शूटिंग, रोलर स्केट्स, रिमोट कार, ट्रॉय ट्रेन की व्यवस्था करने की संभावना जताई जा रही है। वहीं अतिथियों के ठहरने के लिए कॉटेज और कॉफेन्स हॉल की सुविधा हो सकती है। यानी ऐसी सुविधाएं इको पार्क में होती है तो यह पार्क अपने आप में अनोखा साबित होगा। वहीं पार्क के भीतर की जलाशय की क्षमता लगभग दो लाख 10 हजार घन मीटर है। पार्क को लोकार्पित करने की संभावना 2022 का अंतिम महीना है। बहरहाल, एनसीएल के पीआरओ राम विजय सिंह ने बताया कि अभी तक बीना इको पार्क के विकास के अंतर्गत बाउंड्री वाल का निर्माण, बैठने के चबूतरे, टहलने के लिए पथ-वे के निर्माण, ट्यूब वेल के साथ जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। पार्क में बच्चों के खेलने व्यवस्था होगी। इसके साथ ही इकोपार्क को बनाने में आने वाली लागत का आकलन किया जाएगा। और इसका निर्माण बहुत जल्द शुरू कर दिया जाएगा।