हेरिटेज सूची में शामिल होगा संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन
वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन को हेरिटेज सूची में शामिल क
वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन को हेरिटेज सूची में शामिल करने की कवायद चल रही है। इस क्रम में शासन ने ड्रोन कैमरे से इस भवन की एरियल वीडियोग्राफी कराने का निर्णय लिया है। कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे ने वीडियोग्राफी के लिए हरी झंडी भी दे दी है। इसके अलावा सरस्वती भवन पुस्तकालय को भी हेरिटेज सूची में शामिल करने की संभावना जताई जा रही है।
कुलसचिव प्रभाष द्विवेदी ने बताया कि जिला प्रशासन की पहल पर वाराणसी मंडल के संयुक्त आयुक्त उद्योग ने मुख्य भवन को हेरिटेज भवन मानते हुए वीडियोग्राफी की अनुमति मांगी थी। वहीं संयुक्त आयुक्त उद्योग उमेश सिंह ने बताया कि जनपद के घाटों व अन्य कई धरोहरों को हेरिटेज सूची में शामिल करने के लिए बीते माह वीडियोग्राफी कराई जा चुकी है। संस्कृत विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति न मिलने के कारण मुख्य भवन की वीडियोग्राफी प्रथम चरण में नहीं हो सकी। अब दूसरे चरण में मुख्य भवन की वीडियोग्राफी कराई जाएगी।
इंटैक कर रहा जीर्णोद्धार
शासन ने ग्रॉथिक शैली में निर्मित 166 वर्ष पुराने इस भवन के जीर्णोद्धार के लिए विश्वविद्यालय को करीब 12 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। गत दो वर्ष से इंटैक इस ऐतिहासिक इमारत को पुराने स्वरूप में लाने में जुटी हुई है। इंटैक लगभग 70 फीसद तक कार्य कर चुकी है। हालांकि भवन की मरम्मत में कम से कम छह माह और लगने की संभावना जताई जा रही है। कलाकारी का बेजोड़ नमूना
कला व शिल्पकारी की विशिष्टता समेटे हुए ग्रॉथिक शैली के मुख्य भवन का शिलान्यास दो नवंबर 1847 में महाराजा बनारस व ब्रिटिश सेना के मेजर मारखम किट्टो ने किया था। मेजर किट्टो की देख-रेख यह भवन 1852 में बनकर तैयार हुआ था। इस प्रकार 166 वर्ष पुराना मुख्य भवन कलाकारी का बेजोड़ नमूना है।