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यहां पढ़ाई संग रंगोली से योग की शिक्षा, नक्सल प्रभावित प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर में नया प्रयोग

प्रधानाध्यापक बच्चों को ककहरा सिखाने के साथ ही उन्हें रंगोली के माध्यम से योग की भी शिक्षा दे रहीं हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 08:50 AM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 12:38 PM (IST)
यहां पढ़ाई संग रंगोली से योग की शिक्षा, नक्सल प्रभावित प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर में नया प्रयोग
यहां पढ़ाई संग रंगोली से योग की शिक्षा, नक्सल प्रभावित प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर में नया प्रयोग

सोनभद्र, जेएनएन। ऐसे कई शिक्षक हैं जो नई-नई तरकीब अपनाकर स्कूल में कुछ खास माहौल बनाने में कामयाब रहे हैं। उन्हें इसके लिए सम्मानित भी किया गया है। ऐसा ही एक स्कूल नक्सल प्रभावित नगवां ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर है। प्रधानाध्यापक बच्चों को ककहरा सिखाने के साथ ही उन्हें रंगोली के माध्यम से योग की भी शिक्षा दे रहीं हैं। बच्चों को रंगोली के पोज में बैठाकर बड़ी ही खूबसूरती से योग से स्वस्थ रहने की शिक्षा दी जा रही है। इससे बच्चे पढ़ाई के साथ ही व्यायाम भी कर रहे हैं।

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नगवां ब्लाक का प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर। यहां के शिक्षक हर दिन कुछ न कुछ नया कर बच्चों में शिक्षण कार्य के प्रति रूचि भरते हैं। छात्र व छात्राओं को वृत्ताकार में बैठाकर रंगोली तो बनाई ही जाती है, उसी के माध्यम से उन्हें योग भी सिखाया जाता है। रंगोली बनाने में करीब 20 छात्रों की जरूरत होती है। इसमें बैठने वाले छात्रों की एक मुद्रा होती है लेकिन, बीच में योगासन की मुद्रा में एक छात्र को बैठाया जाता है। इस तरीके से छात्रों को मंत्रयोग, हठयोग, लययोग व राजयोग कराया जाता है। रंगोली की मुद्रा में योग के लिए एक टीम को करीब 20 मिनट कर योगा कराया जाता है। इससे न सिर्फ बच्चों में कुछ नया होने से रंगोली बनाने में रूचि बढ़ती है, बल्कि योगा करने से उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। इसके अलावा छात्रों को अभिनय की तरफ आकर्षित करने के लिए उन्हें रोज नाटक कराकर रिहर्सल भी कराया जा रहा है।

दो शिक्षक व 84 छात्र

नगवां ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय भैरोपुर में दो शिक्षक तैनात है। यहां 84 छात्र पंजीकृत हैं। इसमें 46 छात्राएं हैं। छात्रों की अपेक्षा यहां की छात्राओं में नित नए-नए प्रयोगों से कुछ सीखने की ललक रहती है। यहीं वजह है कि इस स्कूल की चार छात्राएं अब खुद बच्चों से रंगोली बनाने से लेकर योगा कराने में माहिर हो गई हैं।

मैंने टीवी के एक कार्यक्रम में बच्चों को रंगोली के माध्यम से पढ़ाते देखा था। उसी दिन ठान लिया कि अपने विद्यालय में रंगोली के माध्यम को बनाकर बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक सरोकार से पारंगत करेंगे।

- मेघा सौनकिया, प्रभारी प्रधानाध्यापक।


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