पूर्वाचल के आंचल में आसमान से झमाझम बरस रही नेमत, नदी नाले उफान पर
सावन माह में आसमान से बरस रही बादलों की नेमत से समूचा पूर्वाचल निहाल है।
वाराणसी : सावन माह में आसमान से बरस रही बादलों की नेमत से समूचा पूर्वाचल निहाल है। खेतों की ओर जहां किसानों का रुख है वहीं दूसरी ओर शहरों में बारिश आफत बनी हुई है। जबकि नदी नालों में उफान से दुश्वारियां भी बढ़ गई हैं।
गुरुवार देर रात से शुरु हुई बूंदाबांदी शुक्रवार को भी दिन में रह रहकर जारी रही। पखवारे भर से काशी सहित समूचे पूर्वाचल में रह-रह कर बादलों का जमघट बारिश करा रहा है। बादलों की आवाजाही के बीच पूर्वाचल में रह रहकर जोरदार बारिश भी बादल करा रहे हैं। मानसूनी बारिश से एक ओर जहां गर्मी से समूचे पूर्वाचल में राहत है वहीं बारिश होने से किसानों को भी राहत मिली और मानसून की देरी के बाद अब खेती किसानी का दौर शुरु हो चुका है। हालांकि दूसरी ओर बारिश लगातार होते रहने से नगरीय व्यवस्था की भी पोल भी खुल रही है। जगह जगह जलजमाव से शहरों में नारकीय स्थिति बनने लगी है।
काशी में शुक्रवार सुबह से ही हल्की बूंदाबांदी जारी है। दिन चढ़ने तक रह रहकर बूंदाबांदी का दौर चलता रहा। वहीं सुबह से कई जिलों में बारिश से सड़कों और गलियों में जलजमाव से लोगों की दुश्वारी बढ़ गई है। पूर्वाचल के कई जिलों में कच्चे घर गिरने की घटनाएं हुई हालांकि इसमें कहीं कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई। सूरज के सप्ताह भर से दर्शन न होने से गर्मी में मौसम भी खासा राहत भरा है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान जहां 29.5 डिग्री सेल्सियस पर आ गया था वहीं न्यूनतम 25.2 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 95 फीसद तो न्यूनतम आर्द्रता 77 फीसद दर्ज की गई।
बीते चौबीस घंटों में वाराणसी में लगभग 6.1 मिमी तक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय के अनुसार मानसूनी सक्रियता से परिस्थितियां काफी अनुकूल बनी हुई हैं। मानसूनी द्रोणिका की सक्रियता से बादलों का जमघट उत्तर भारत में बारिश की स्थितियां बनाए हुए है, आने वाले दिनों में भी मानसूनी सक्रियता से बारिश होती रहेगी।