लोकसभा चुनाव 2019 : एग्जिट पोल ने अटकाई जनता की सांस, असल नतीजे आज
17 वें लोकसभा के नतीजे तो गुरुवार (आज) 23 मई को आएंगे लेकिन एग्जिट पोल ने कई लोगों की सांसे अटका दी है। लोग चर्चा यही कर रहे हैँ कि किसके सिर ताज सजेगा।
वाराणसी, जेएनएन। 17 वें लोकसभा के नतीजे तो गुरुवार (आज) 23 मई को आएंगे लेकिन एग्जिट पोल पहले ही सियासी दलों की सांसे अटका चुकी है। ऐसे में मतगणना की पूर्व संध्या पर मिंट हाउस व लहुराबीर की अड़ियों के थर्मामीटर से एग्जिट पोल की रिपोर्ट नापने की कोशिश की गई तो टैंप्रेचर के बजाए मोदी-मोदी की आवाज आती प्रतीत हुई। ¨हदू हो या मुसलमान सबकी एक ही जुबां .. 'बनारस का संदेश पूरे देश में सुनाई पड़ेगा, नतीजा उसपर मुहर लगाएगा।' सरकार बनाने, बिगाड़ने के सवाल पर तर्क दे रहे लोगों से बातचीत की गई तो जवाब कुछ यूं मिले ..।
'मोदी का कोई विकल्प नहीं। वोट के पहले या बाद में इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए।' एसपी मिश्रा डीएलडब्ल्यू
'बनारस में गठबंधन का मतलब नहीं है। मोदी जी जितेंगे एवं देश में सरकार भी बनाएंगे।' दिनेश पाल फुलवरिया
'मोदी पूरे देश में लड़ रहे थे। उन्होंने मूलभूत सुविधाएं दीं फिर बहस क्यों? बनारस का संदेश देश भर में गया है।' राकेश उपाध्याय, शिवपुर।
'यूपी में गठबंधन लड़ रहा तो एक्जिट पोल को खारिज कैसे करेंगे? दो-चार सीट इधर-उधर हो सकती है।' अजितेश, जौनपुर।
'कोई बहस नहीं। जनता जानती है कि ईमानदारी से कौन देश चलाएगा। मतगणना में सबकुछ सामने आ जाएगा।' राजकपूर शाहगंज, ट्रैक्टर मिस्त्री।
'सड़कें देख लीजिए। बिजली मिल ही रही। अब क्या चाहिए? जनता को राहत है, तो जनादेश पर कैसा सवाल?' पप्पू सिंह, बड़गांव
'जाति धर्म की दीवार टूटी है। परंपरावादी चुनाव देख चुके लोग परेशान हो रहे। यह चुनाव नए भारत का था, परिणाम चौंकाने वाला होगा।' राम सिंह, नदेसर।
'आटो चलाता हूं। एग्जिट पोल ने मुझे नहीं चौंकाया। मतगणना नेताओं को चौंकाएगा। मोदी ही प्रधानमंत्री बनेंगे।' शंभू, नदेसर
'मोदी बनारस में रेकॉर्ड बनाएंगे। मतदान घटा तो क्या? उनका कोई विरोधी भी नहीं।' नासीर, चौकाघाट
'मोदी जी से कहूंगा वोटर लिस्ट दुरुस्त हो तो जीत का रेकॉर्ड बन जाएगा। उनके कई जानने वाले चाहकर भी वोट नहीं दे पाए।' डा. अनिल चतुर्वेदी।
'एग्जिट पोल से नेताओं को दर्द होगा। अब जमाना चला गया पब्लिक को मूर्ख बनाकर वोट लेने का। मोदी का विकल्प नहीं।' मो. असलम, हुकुलगंज
'शत-प्रतिशत मोदी जी। बहस की गुंजाइश नहीं। जाति के सहारे चुनाव लड़ने का जमाना गया। जनता मुल्क की तरक्की देख रही।' संजीव, जगतगंज।
'लहुराबीर चौराहा देख लीजिए। पहले ऐसा था? बनारस बदलाव के दौर से गुजर रहा, फिर एग्जिटपोल पर सवाल क्यों? देश भी इसी राह पर है।' अनिल सिंह, पांडेयपुर।
'एग्जिट पोल से भी ज्यादा चौंकाएंगे नतीजे। किसी को बहकाकर वोट नहीं लिया जा सकता।' श्यामसुंदर, नदेसर।
'बनारस में मोदी हैं। उन्होंने काम किया है। उनके जीत का अंतर कितना होगा, बहस का विषय यह होना चाहिए।' करामत, अंधरापुल।
'अड़ी में एग्जिट पोल पर चर्चा हुई। विकास की कोई जाति व धर्म नहीं होने से एग्जिट पोल में मोदी आगे हैं।' जितेंद्र चौरसिया, मिंट हाउस।
'मुंबई से वोट देने आया था। मेरी बुजुर्ग मां धूप के कारण चाहकर भी वोट नहीं दे सकीं। देश में मोदी का विकल्प नहीं है।' विवेक खत्री, रामकटोरा।
'ईवीएम पर पूरे देश में सवाल उठ रहा है। लोकतंत्र में भरोसा जगाने को इसका सटीक जवाब मिलना चाहिए।' आनंद शर्मा, पटेल नगर।
'मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में पूरा देश देखना चाह रहा तो मतों का पूर्वानुमान कैसे गलत होने लगा। मतगणना में मोदी पर मुहर लगेगी।' एसएस यादव, शिक्षक।
'काशी में जाति की दीवार टूटी है। मोदी के जीत पर कोई बहस नहीं, मैं मतगणना का इंतजार कर रहा हूं कि कितने वोटों से जीतते हैं।' दीनानाथ यादव, केराकत।
'जौनपुर में भी गठबंधन लड़ाई में हैं। एग्जिट पोल से मैं सहमत हूं। वैसे ईवीएम से सच्चाई निकलने का वक्त भी करीब है।' छेदीलाल शर्मा, केराकत।
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