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वाराणसी ज्ञानवापी केस में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी मामले की पोषणीयता पर हुई सुनवाई, अगली तिथि 10 अक्टूबर

ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयानबाजी को लेकर दाखिल मामले की एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई। इस मामले में अगली सुनवाई दस अक्टूबर को होगी।

By devendra nath singhEdited By: Saurabh ChakravartyPublished: Wed, 28 Sep 2022 06:22 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 06:22 PM (IST)
वाराणसी ज्ञानवापी केस में अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी मामले की पोषणीयता पर हुई सुनवाई

जागरण संवाददाता, वाराणसी : ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने में गंदगी करने और अखिलेश यादव व असदुद्दीन ओवैसी पर भड़काऊ बयानबाजी को लेकर दाखिल मामले की एसीजेएम पंचम एमपी/एमएलए उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में बुधवार को सुनवाई हुई।

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अदालत ने पोषणीयता (मुकदमा सुनने योग्य है या नहीं) पर सुनवाई करते हुए आदेश सुरक्षित रखा है। वादी पक्ष की ओर से वकील अजय प्रताप सिंह ने दलील दी। उन्होंने जिला जज के उस आदेश का हवाला दिया जिसमें श्रृंगार गौरी मामला सुनवाई योग्य माना गया है। इस मामले में अगली सुनवाई दस अक्टूबर को होगी।

प्रकरण के अनुसार वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में प्रार्थनापत्र दिया है। इसमें कि कहा है कि नमाजियों की ओर से वजूखाने में गंदगी फैलाई जाती है। जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का स्थान है। यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है।

वहीं एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है। अधिवक्ता ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन, मुफ्ती ए शहर मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण में कई प्रार्थना पत्रों पर आज होगी सुनवाई

ज्ञानवापी-शृंगार गौरी मामले की सुनवाई 29 सितंबर को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में होगी। इस दिन मंदिर समेत अन्य पक्षों की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होगी। मंदिर पक्ष के वकील वकील विष्णु जैन की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई होगी।

इसमें उन्होंने एडवोकेट कमिश्नर का कार्रवाई के दौरान ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञों के जरिए कार्बन डेटिंग व अन्य विधि से आयु निर्धारण कराने की मांग की गई है। इस पर आपत्ति समेत पक्षकार बनने के लिए दिए गए आवेदनों पर भी सुनवाई होगी। वहीं इस मामले में बुधवार को भी पक्षकार बनने आवेदन दिया गया। जन उद्योग सेवा संस्थान (लखनऊ) के अध्यक्ष कुलदीप तिवारी की ओर से मामले में पक्षकार बनने के लिए आवेदन दिया गया है।


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