...और खीझकर बोले स्वास्थ्य मंत्री - कसम खा रहा हूं, सस्पेंड करना शुरू कर दूंगा हाथ के हाथ
बीमारों का इलाज हो रहा यहां ऐसे तो बीमारी की आप ही जड़ हो। मेरे कोआने की जरूरत है। एक मंत्री आए खाली किसके लिए पानी की मशीन ठीक कराने के लिए।
वाराणसी, जेएनएन। 'बीमारों का इलाज हो रहा यहां, ऐसे तो बीमारी की आप ही जड़ हो। मेरे कोआने की जरूरत है। एक मंत्री आए खाली किसके लिए, पानी की मशीन ठीक कराने के लिए। यह मेरा काम है, आप लोग करते क्या हो। सोते हैं क्या आप लोग, दिखता नहीं क्या आप लोगों को। हद हो गई, कब तक सिखाता रहूंगा। मैं कसम खा रहा हूं, सस्पेंड करना शुरू कर दूंगा, हाथ के हाथ कर दूंगा। नहीं ध्यान रखूंगा कि आप डाक्टर हैं। सहने की सीमा होती है, पानी सिर से ऊपर जा चुका है।' खीझ और झल्लाहट से भरे यह शब्द बाण स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के हैं। वे शनिवार को मंडल के सबसे बड़े अस्पताल के निरीक्षण पर थे।
सुबह 11 बजे मंडलीय अस्पताल पहुंचे मंत्री को अफसरों ने इमरजेंसी और ब्लड बैंक दिखाया। अफसरों के तय प्लान से हटते ही सिस्टम की खोट सामने थी। सकते में आए मंत्री अफसरों पर बिफर पड़े। दरअसल, वार्ड नंबर चार की राह पर बढ़ते ही रैंप पर रेलिंग तक पान की ताजा पीक से सामना हुआ। कहा-'आप लोगों से नहीं होता काम। देखिए सीएमएस साहब, एवरीथिंग इज डर्टी यार। जहां जाने-दिखाने की सोची ठीक कर लिया, और इधर फेंकते जा रहे हो। एक्शन लीजिए और रिपोर्ट कीजिए कि क्या किया। जरूरी नहीं कि मैं आऊं तभी हो काम।' मरीजों से मुखातिब हुए मंत्री तो पेयजल व्यवस्था के हाल ने भी मन खïट्टा कर दिया। नीचे उतरे और वाटर कूलर चेक करने के लिए टोटी खोलते ही हाथ पर गरम पानी गिरा और भन्ना उठे। मंत्री ने कहा-'आप खुद सोचते नहीं हैं। बगल में टायलेट है, दुर्गंध आ रही है, इसे दूर लगा सकते हैं। ट्रे में जंग लगी है। कौन करेगा ये, यह सब एक्सेप्टेड नहीं है मुझे।'
मंत्री के जाते ही मंडलीय अस्पताल में अमला फास्ट हो गया। सिस्टर व स्वीपर से स्पष्टीकरण तलब करते हुए जांच कमेटी गठित कर दी गई। दो घंटे में रिपोर्ट आ गई और दोनों की वेतन वृद्धि रोक दी गई। कम्प्यूटर के की बोर्ड धड़धड़ाए एसी व वाटर कूलर के आर्डर टाइप हुए और शाम तक लग भी गए। इसकी सूचना भी मंत्री को मेल कर दी गई। स्वास्थ्य मंत्री ने शनिवार को ही सोनभद्र में जिला अस्पताल का निरीक्षण किया।