Harishyan Ekadashi 2022 : आठ जुलाई के बाद नहीं बजेगी शहनाई, चार माह तक करना होगा इंतजार
आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी हरिशयन एकादशी से देवोत्थान एकादशी चातुर्मास तक शादी और अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चार नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से शादी के लग्न फिर से आरंभ होंगे। हरिशयन एकादशी के दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आठ जुलाई के बाद शहनाई की गूंज थम जाएगी। अब चार माह बाद ही शहनाई बजेगी। दरअसल, हिंदू पंचांग के अनुसार शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त आठ जुलाई के बाद नहीं है। ऐसे में आठ जुलाई के बाद शहनाई की गूंज सुनाई नहीं देगी। चार महीने तक के लिए मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे। ज्योतिष दीनबंध मिश्र ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी हरिशयन एकादशी से देवोत्थान एकादशी चातुर्मास तक शादी और अन्य मांगलिक कार्य नहीं होंगे। चार नवंबर को देवोत्थान एकादशी के बाद से शादी के लग्न फिर से आरंभ होंगे।
10 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल हरिशयन एकादशी से वैवाहिक तथा अन्य शुभ कार्य नहीं होंगे। हरिशयन एकादशी के दिन से भगवान विष्णु क्षीरसागर में शयन करने चले जाते हैं। उनके शयन के बाद मांगलिक कार्य नहीं होते। वहीं चार नवंबर कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी को चार माह बाद श्रीहरि विष्णु के निद्रा से जागृत होने के बाद मांगलिक कार्य आरंभ हो जाएंगे। पंचांग के अनुसार 24 नवंबर से मांगलिक कार्य आरंभ होकर 16 दिसंबर तक होंगे। इस दौरान शादी के कुल 12 लग्न हैं। 16 दिसंबर के बाद फिर अगले वर्ष 14 जनवरी 2023 के बाद वैवाहिक मुहूर्त आरंभ होंगे।