वाराणसी के सारनाथ में सिलेंडर फटने से आधा दर्जन लोग घायल, एक की हालत गंभीर
वाराणसी में सारनाथ के खालिसपुर गांव में गुरुवार की सुबह गैस सिलेंडर में आग लगने से फट गया। इससे आधा दर्जन लोग घायल हो गए। वहीं एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ के खालिसपुर गांव में गुरुवार की सुबह घरेलू सिलेंडर में आग लगने से फट गया। इस घटना में पूर्व प्रधान लाल बहादुर राजभर (55 वर्ष) गंभीर रुप से घायल हो गए। उन्हें कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं आग बुझाने के दौरान काशी राजभर (48 वर्ष), दीपक (30 वर्ष), नंदू (55 वर्ष), प्रकाश (20 वर्ष), संजय (18 वर्ष), सुरेंद्र (28 वर्ष) झुलस गए।
गैस लीक होने से आ रही थी गंध, माचिस जलाया तो सिलेंडर में लग गई आग
बताया जाता है कि खालिसपुर निवासी लक्ष्मण राजभर के यहां सुबह बहू पूजा खाना बनाने के लिए टिन शेड के बने रसोई में गई तो गैस लीक होने की गंध आ रही थी। तभी पूजा ने सिलेंडर का रेगुलेटर बंद करने के बाद जांच करने के लिए माचिस जलाई तभी सिलेंडर के निचले हिस्से में आग पकड़ लिया। यह देख रसोई से पूजा भाग कर अपनी सास कलावती को बताई। इसके बाद तुरंत परिवार वाले शोर मचाना शुरू कर दिए।
सिलेंडर फटने के साथ ही उड़ गया किचन का शेड, गिर गई दीवार
आस-पास के लोग पहुंच कर आग बुझाने का प्रयास करते कि सिलेंडर तेज आवाज के साथ फट गया। इससे किचन का शेड उड़ने के साथ ही दीवार भी गिर गई। वहीं किचन में रखा सामान जल कर राख हो गया। सिलेंडर फटने से पड़ोसी राजगीर मिस्त्री सूरज राजभर के मकान की दीवार भी फट गई। बहू पूजा ने बताया कि सिलेंडर फटने के बाद तत्काल 112 नंबर पर फोन किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। हालांकि जानकारी होने के बाद स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई है। बीते वर्ष फरवरी में गोलघर कचहरी के पास राजश्री स्वीट्स में अचानक आग लग गई थी। आग लगने की घटना होने के बाद मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी आग बुझाने के लिए जूझ रहे थे तभी सिलेंडर फट गया था। हालांकि कोई जानमाल की नुकसान नहीं हुई थी। इसके अलावा इसी साल 4 मई को वाराणसी में कार्बाइड से भरा सिलेंडर फट गया था जिससे वेल्डिंग वाले की मौत हो गई थी।
सिलेंडर फटे तो तत्काल दें एजेंसी को सूचना, करें क्लेम
सिलेंडर फटने से यदि हादसा होता है मृत्यु पर प्रति व्यक्ति छह लाख रुपये तक का मुआवजा मिलता है। यदि बड़े हादसे में किसी की मौत हो जाए तो परिवार को 50 लाख रुपये तक की राशि बीमा कंपनी को देनी पड़ सकती है। इसके लिए कंपनी के नियमों पर खरा उतरना जरूरी है। हालांकि बीमा राशि दुर्घटना का आकलन करने के बाद ही तय होती है। उपभोक्ताओं को अलग से बीमा कराने की जरूरत नहीं होती है। गैस कनेक्शन लेते ही आप बीमा धारक बन जाते हैं। लेकिन जानकारी नहीं होने के कारण लोग इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि दुर्घटना के तुरंत बाद यथा स्थिति पर ही गैस एजेंसी को सूचना दी जाएं। ताकि एजेंसी वाले मौका मुआयना कर बीमा कंपनी को सूचना दे सके।
गैस कनेक्शन लेने के साथ ही उपभोक्ता की संपत्ति का बीमा निर्धारित हो जाता है
गैस कनेक्शन लेने के साथ ही उपभोक्ता की संपत्ति का बीमा निर्धारित हो जाता है। मुआवजा तब मिलता है जब गैस सिलेंडर फटने से कोई हादसा हो। इसके लिए कुछ जरूरी शर्ते भी हैं। मुआवजे राशि हादसे से होने वाले नुकसान पर निर्भर करती है।
- कुमार अग्रवाल, अध्यक्ष, एलपीजी वितरक संघ
सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप या चूल्हा कंपनी का और आइएसआइ मार्का हो
सिलेंडर, रेगुलेटर, पाइप या चूल्हा कंपनी का और आइएसआइ मार्का हो। पुराने सामान या फिर बाजार से खरीदे सामान की वजह से हादसे होते हैं। इससे क्लेम नहीं मिल पाता। किसी हादसे के बाद एजेंसी को तुरंत सूचित करें ताकि निरीक्षण हो सके।
- पीयूष कुमार सिंह, प्रबंधक एवं जिला प्रभारी, आइओसी, एलपीजी