Gyanvapi News: साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा- ज्ञानवापी परिसर में यदि हिंदू प्रतीक नहीं हैं तो मुस्लिम पक्ष को भयभीत होने की जरूरत नहीं
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बुधवार को ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में गरीब कल्याण जनसभा को संबोधित किया। कहा कि मोदी सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लक्ष्य को पूरा कर रही है। राम मंदिर ही नहीं जो भी हमारे मंदिर छीने गए उन सभी को बनाएंगे।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर में यदि हिंदू प्रतीक नहीं हैं तो मुस्लिम पक्ष को भयभीत होने की जरूरत नहीं है। राम जन्मभूमि में पर्याप्त साक्ष्य थे, जिनके आधार पर आज वहां भव्य राम मंदिर बन रहा है। मस्जिद में त्रिशूल, फूल, डमरू, स्वास्तिक नहीं होते हैं। ज्ञानवापी मामला कोर्ट में है, इसलिए बहुत कुछ कहने की जरूरत नहीं है। केंद्रीय खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बुधवार को ट्रेड फैसिलिटी सेंटर में गरीब कल्याण जनसभा को संबोधित किया। कहा कि मोदी सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लक्ष्य को पूरा कर रही है। राम मंदिर ही नहीं जो भी हमारे मंदिर छीने गए उन सभी को बनाएंगे।
कुछ बौखलाए हुए लोग कर रहे हैं पत्थरबाजी: साध्वी निरंजन ज्योति
मोदी-योगी के रूप में दो संन्यासी देश-प्रदेश को मिले हैं और संन्यासी सबका भला ही करते हैं। उन्होंने जनकल्याणकारी योजनाओं के 36 चयनित लाभार्थियों को अपने हाथों से प्रमाणपत्र, टूल किट, आवास की चाबी आदि देकर सम्मानित किया। जनसभा में 950 लोगों को योजनाओं का लाभ मिला। इससे पहले सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में देश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों और पत्थरबाजी की घटना पर कहा कि यह कुछ बौखलाए हुए लोगों द्वारा देश को अस्थिर करने की कोशिश है।
साध्वी निरंजन ज्योति ने गाए गीत
विपक्ष और अखिलेश यादव बौखलाहट में हैं। वह उपद्रवियों के साथ खड़े होकर प्रदेश को अस्थिर करना चाहते हैं। ..और मंत्री जी गाने लगीं गीतसाध्वी निरंजन ज्योति ने जनसभा में संबोधन के बाद स्वयं ही कहा कि बिना गीत के सभा अधूरी है। इसके बाद गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी भावविभोर हो गए। गीत था-कई जन्मों से बुला रहे हो,कोई रिश्ता तो जरूर होगा।नजरों से नजर मिला न पाए, मेरी नजर का कसूर होगा।तुम्ही तो मेरे माता-पिता हो, तुम्ही तो मेरे बंधु-सखा हो।अनेक नाते तुम संग जोड़े, कोई तो नाता जरूर होगा।