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Gyanvapi Masjid News Update : मस्जिद के तहखाने में कुछ अन्य जगहों पर फोटो-वीडियो की अपील पर आज होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Case News Update ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक मंजू व्यास सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटा कर सर्वे की मांग की है।सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 08:16 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 12:31 PM (IST)
Gyanvapi Masjid News Update : मस्जिद के तहखाने में कुछ अन्य जगहों पर फोटो-वीडियो की अपील पर आज होगी सुनवाई
मस्जिद के तहखाने में कुछ अन्य जगहों पर फोटो-वीडियो की अपील पर सुनवाई 18 मई को

जागरण संवाददाता, वाराणसी : gyanvapi mosque case ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में कमीशन की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत ने एडवोकेट कमिश्नर को दो दिन का समय दिया है। मंगलवार को सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह की अपील पर सुनवाई करते हुए यह मोहलत दी है। वहीं पदीय दायित्वों का निर्वहन ठीक से नहीं कर पाने पर अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर के पद से हटा दिया गया है। अब रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी विशाल सिंह के साथ सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह को दी गयी है।

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इसी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखाने में रखे मलबे व कमरेनुमा संरचना की दीवार हटा कर सर्वे की मांग की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से दायर प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई बुधवार को ही होगी। इसमें उन्होंने सील किए गए वजूखाने में मौजूद मछलियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग की है।

एडवोकेट कमिश्नर की ओर से ज्ञानवापी परिसर में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत ने 17 मई की तिथि तय की थी। रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाने का हवाला देते हुए विशेष एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने प्रार्थना पत्र देते हुए अदालत से दो दिन की मोहलत मांगी थी। इसमें उन्होंने बताया कि 14 मई से 16 मई की सुबह दस बजकर दस मिनट तक कार्यवाही की गयी। इस दौरान शृंगार गौरी व मस्जिद की एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही की गयी। विवादित स्थल बड़ा है और सभी बिंदुओं पर ध्यान देना है ऐसे में रिपोर्ट तैयार करने में वक्त लग सकता है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए उन्होंने दो दिन का समय मांगा। अदालत को बताया कि पूरे परिसर का मानचित्र तैयार करने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) के दो ड्राफ्ट मैन दो गयी है। उनकी ओर से मानचित्र प्राप्त नहीं हुआ है। यह रिपोर्ट का अहम हिस्सा है। इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो दिन की मोहलत दे दी। सुनवाई के दौरान ही विशाल सिंह ने आरोप लगाया कि दो अन्य एडवोकेट कमिश्नरों ने कार्यवाही के दौरान पूरी तरह से सहयोग नहीं किया। इसलिए अदालत यह स्पष्ट करे कि रिपोर्ट कौन दाखिल करेगा। मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने भी आरोप लगाया कि एडवोकेट कमिश्नर के साथ आए फोटोग्राफर ने कार्यवाही की जानकारी मीडिया तक पहुंचाया। जबकि अदालत ने किसी भी तरह का बयान देने के लिए सबको मना किया था। इसे गंभीरता से लेते हुए सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र को उनके पद से हटा दिया।

तहखाने का मलबा व दीवार हटा कर सर्वे की मांग

ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। इनके अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में जहां शिवलिंग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद कर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढंकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दीवार पर दरवाजे को ईंट-पत्थर सीमेंट से बंद कर दिया गया है। उन्होंने मांग किया कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए।

एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही

जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया कि न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही करते हुए विवादित स्थल और नौ जालीदार दरवाजों को सील करके चाभी कोषागार में जमा कर दी गयी है। जिस परिसर को सील किया गया है। उसके अंदर निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है जिसमें कुछ मछलियां हैं। परिसर सील होने के कारण मछलियों को जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही सील किए गए क्षेत्र में चारो तरफ पाइप लाइन व नल लगा है। इसका उपयोग नमाजी वजू करने के लिए करते हैं। पाइप लाइन को सील क्षेत्र से करना जरूरी है। यहां मौजूद शौचालय में प्रवेश के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं है। इन बिंदुओं पर एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट प्राप्त करके आदेश जारी किया जाए। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि तय की है।


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