Varanasi News: ज्ञानवापी प्रकरण में निगरानी याचिका पर 15 फरवरी को होगी सुनवाई, इस वजह से टली सुनवाई
शुक्रवार को जिला जज की अदालत में एक अधिवक्ता की निधन के कारण ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में दाखिल सुनवाई टल गई। अब इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 15 फरवरी को निर्धारित हुई है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी परिसर में पुरातात्विक सर्वेक्षण के मामले में दाखिल निगरानी याचिका पर शुक्रवार को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में एक अधिवक्ता की निधन के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर अगली सुनवाई 15 फरवरी को होगी।
ये है पूरा मामला
वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने भारतीय पुरातात्विक विभाग से राडार तकनीक से ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराने की अदालत से मांग की थी। सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) आशुतोष तिवारी ने आठ अप्रैल 2021 को वाद मित्र की अपील मंजूर करते हुए पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। वहीं, जिला जज की अदालत में मुकदमे की पोषणीयता को लेकर निगरानी याचिका दाखिल की है।
रिजल्ट जारी करने को लेकर विद्यापीठ में छात्रों ने चीफ प्राक्टर का किया घेराव
काशी विद्यापीठ में बीए प्रथम खंड का रिजल्ट जारी न होने व विषय परिवर्तन की मांग को लेकर छात्रों में आक्रोश रहा। विरोध में शुक्रवार को चीफ प्राक्टर प्रो. अमिता सिंह का घेराव किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने समझा-बुझाकर छात्रों को वापस किया। हालांकि छात्र गांधी भवन के सामने डटे रहे। प्रशासनिक भवन पर अपनी मांगों को लेकर करीब सौ की संख्या में छात्र जुट गए। वह अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। चीफ प्राक्टर का घेराव भी हुआ। इस पर चीफ प्राक्टर और कुल सचिव हरिश्चंद ने विचार कर उनकी समस्याओं के निराकरण का भरोसा दिया। इस पर अधिकांश छात्र तो चले गए, लेकिन कुछ गांधी भवन के समक्ष रहे। आंदोलनकारी छात्रों में अखिलेश यादव, सुधांशु पटेल, अभिषेक मिश्रा रहे।