राज्यपाल पहुंची पूर्वांचल विश्वविद्यालय दीक्षा समारोह में, बोलीं बेटियां दहेज विवाह का करें तिरस्कार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 23 वें दीक्षा समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह 9.50 बजे पहुंच गईं।
जौनपुर, जेएनएन। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 23 वें दीक्षा समारोह में कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत सुबह 9.50 बजे पहुंच गईं। इस दौरान दीक्षा समारोह के शुभारंभ से पूर्व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने श्रीनिवास रामानुजन अनुसंधान भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान उनके साथ जम्मू कश्मीर इस्कॉन मंदिर के नव योगेंद्र महाराज भी रहे। उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथि जम्मू कश्मीर इस्कान मंदिर के नव योगेंद्र महाराज के साथ कुलाधिपति राज्यपाल आनंदीबेन पटेल संगोष्ठी भवन में बने मंच पर पहुंची। जहां उनका स्वागत कुलपति ने किया। इसके बाद कुलाधिपति ने सभी का अभिवादन किया।
टीबी, बाल विवाह, कुपोषण और पानी देश की सबसे बड़ी समस्या : राज्यपाल
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 23 वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता कर रहीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गोल्डमेडलिस्ट व उपाधि प्राप्त छात्रों को बधाई देते हुए राष्ट्र भावना के प्रति जागरूकता को जरूरी बताया। जौनपुर के इतिहास व शिक्षा का गुणगान करते हुए चुनौतियों से लड़ने की प्रेरणा दी। समाज व देश से हटाने वाली बुराइयों से लड़ने की सीख दी और दहेजविहीन विवाह पर बल दिया। कहा गोल्डमेडलिस्ट छात्र ससुराल से गोल्ड की मांग नहीं करेंगे। युवा विवाह में गाड़ी, बंगला, सोना-चांदी नहीं लेंगे इसका संकल्प लें, यही सच्ची शिक्षा है।
कहा कि भारत में सबसे अधिक टीबी के रोगी हैं उत्तर प्रदेश में हैं। जिन्हें प्रधानमंत्री ने टीबी मुक्त देश बनाने का संकल्प लिया है। समाज के प्रयास से ही देश व प्रदेश को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। टीबी के छह हजार परिवार को सरकार ने गोद लेकर पौस्टिक आहार दे रही है। उन्होंने तम्बाकू व धूम्रपान से दूरी बनाने पर जोर दिया। कहा कि देश में कुपोषित बच्चों के जन्म लेने की वजह जाननी पड़ेगी। एनिमिक छात्राओं, महिलाओं की बराबर हीमोग्लोबीन जांच करना जरूरी है।यूपी के कई जिले ऐसे हैं जहां 50 फीसद बच्चे कुपोषित पैदा हो रहे हैं और मौत भी हो जा रही है।डिलेवरी वाली महिलाओं को बेहतर प्रसव के लिए हॉस्पिटल जाना होगा। उन्होंने बाल विवाह पर संविधान का हवाला देते हुए कड़ाई से रोकने की बात कही। उन्होंने छात्राओं को प्रेरणा देते हुए कहा कि दहेज की मांग करने वाले दूल्हे से शादी से इन्कार करें। इसके लिए बेटियों को आगे आना होगा और यह शिक्षा से ही संभव है। उन्होंने आने वाले दिनों में पानी को गंभीर समस्या बताते हुए बचाने का संकल्प दिलाया। कहा शादी- विवाह व आयोजन में भोजन वेस्ट न करें।
जो आपके जीवन में सकारात्मकता उत्पन्न करेगा उस कार्य को बेहतर ढंग से करना चाहिए
मुख्य अतिथि नव योगेंद्र स्वामी महाराजा ने कहा कि जो आपके जीवन में सकारात्मकता उत्पन्न करेगा उस कार्य को बेहतर ढंग से करना चाहिए।मृतक और जीवित में अंतर को बताया। कहा कि आत्मा के बारे में जानने के लिए विश्वविद्यालय में कौन विभाग है। जबकि इंसान के लिए आत्मा के बारे में जानना जरूरी है। उन्होंने कृष्ण व अर्जुन का उल्लेख करते हुए अमेरिका के एक कार्यक्रम का जिक्र किया। कहा आत्मा के उत्थान के लिए इसे हर किसी को सोचने और समझने की जरूरत है। आत्मा की संतुष्टि को परमात्मा के बारे में जानना आवश्यक है। जो भगवान के नियमों का पालन नहीं करता है, वह पशु के समान होता है। मोह, लोभ, काम, क्रोध को शरीर से दूर करने की जरूरत है। इस मौके पर पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद, कुलपति प्रो. राजाराम यादव, कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल,वित्त अधिकारी एमके सिंह,परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह, कार्यक्रम संयोजक प्रो.अविनाश पार्थीडेकर, प्रो. बीबी तिवारी, प्रो. मानस पांडेय,प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. वंदना, डॉ. सुरजीत कुमार, प्रो. मुराद अली, फादर पीटर विक्टर, डॉ. अमित वत्स, डॉ.आशुतोष सिंह,डॉ. राकेश यादव, डॉ.जगदेव, डॉ.संतोष कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ.विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. मनोज मिश्रा ने किया।