Move to Jagran APP

लड़कियों की सफलता का प्रतिशत ज्यादा होना प्रगति का लक्षण: राज्यपाल

जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के द्वितीय स्थापना दिवस समारोह में शनिवार को मुख्य अतिथि राज्यपाल रामनाईक व विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा शामिल हुए।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 02:52 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 02:52 PM (IST)
लड़कियों की सफलता का प्रतिशत ज्यादा होना प्रगति का लक्षण: राज्यपाल

बलिया, जेएनएन। जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय का द्वितीय स्थापना दिवस समारोह शनिवार को आयोजित हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यपाल रामनाईक व विशिष्ट अतिथि डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा शामिल हुए। समारोह की शुरुआत से पहले 50 लाख रुपये की लागत से स्थापित दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ का लोकार्पण अतिथि द्वय ने किया।राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में सबसे पहले पूर्व पीएम चंद्रशेखर को श्रद्धाजंलि देते हुए उनके साथ के समय को साझा किया। कहा, युवा तुर्क काफी कम समय 224  दिन ही पीएम थे लेकिन कम दिनों में जो काम कर दिखाया वह प्रेरणा लेने वाली थी। उनका नाम लेना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उनके विचार, कार्य एवं क्रियाकलापों पर चर्चा और उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर अध्ययन होते रहना चाहिए। 

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि विवि से जुड़ी मांग करने के बाद मांगे पूरी हुई या नहीं, इसकी भी जानकारी देते रहें। विश्वविद्यालयों में भी आपस में बेहतर बनने की स्पर्धा होनी चाहिए। विगत वर्ष के रिजल्ट पर चर्चा करते हुए कहा कि लड़कियों की सफलता का प्रतिशत ज्यादा है, जो हर्ष की बात है। महिला सशक्तिकरण आज के समाज की दृष्टि से बेहद आवश्यक है।

राज्यपाल ने यूपी में शिक्षा की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए लगातार इसको और बेहतर बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी यूनिवर्सिटी का दीक्षांत समारोह समय पर हो गया। इसमें भी छात्राओं का सफलता प्रतिशत ज्यादा रहा। लड़कियों के आगे बढ़ने का यह आंकड़ा बता रहा की यूपी अब सही दिशा में जा रहा है। इस बार तीन लाख उपाधियां कम दी गई, इसका कारण नकल विहीन परीक्षा को बताया। प्रगति का एक लक्षण यह भी है।       अंत में उन्होंने अपनी पुस्तक 'चरैवेति-चरैवेति' के अर्थ को समझाया और सबको 'चलते रहो-चलते रहो' की प्रेरणा दी।कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने अफसोस जताते हुए कहा, आज बलिया को अति पिछड़ा जनपद के रूप में जाना जाता है। इसका मूल कारण जो भी हो लेकिन अब इसको समृद्धता की ओर ले जाना है। इसके लिए सरकार की दृष्टि बनी हुई है। स्पष्ट किया कि बलिया को बेहतर बनाने का हमारा पूरा प्रयास होगा। उच्च शिक्षा मंत्री शर्मा ने विश्वविद्यालय के विकास की चर्चा करते हुए कहा कि राज्यपाल के निर्देश पर जमीन स्थानांतरित करने की कार्रवाई में आ रही बाधाओं को दूर कर दिया। वन विभाग और विवि के बीच की विसंगति को दूर कराया। फिर करीब 5 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए ढाई करोड़ दे भी दिए। यहां से जाते ही बाकी धनराशि भी भेज दी जाएगी।। बोले, बजट का प्राविधान करते हुए साधन-संसाधन युक्त बनाया। कुल मिलाकर विश्विद्यालय को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास जारी रहेगा।

डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय में10 प्रोफेसर, 20 एसोसिएट प्रोफेसर समेत 70 शैक्षणिक पद सृजित किए हैं। इतना बड़ा पद शायद और कभी सृजित नहीं हुआ होगा। विश्विद्यालय में अन्य कालेज जुड़ने के सम्बन्ध में एक समिति बनाई गई है। रिपोर्ट आने के बाद वह प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी। विश्विद्यालय की कार्यप्रणाली में भी बदलाव देखा जा सकता है। पहले कोई मार्कशीट या डिग्री लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी लेकिन आज दीनदयाल शोधपीठ की स्थापना यहां के लिए बहुत अच्छी चीज है। यहां बाहर से लोग आएंगे। 

उन्होंने विवि के संचालन की सराहना करते हुए कहा, डेढ़-दो साल का विवि समय से नकलविहीन परीक्षा और रिजल्ट दे दिया, यह बहुत ही सराहनीय है। 

हाईस्कूल इंटर का सत्र 1 अप्रैल से शुरू किया। 15 जून पर महाविद्यालय का रिजल्ट सुनिश्चित करते हुए 10 जुलाई से विवि का पठन-पाठन शुरू करने का निर्णय लिया। धरातल पर ऐसा हुआ भी और इसी वजह से आज माध्यमिक व उच्च शिक्षा में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विवि में विदेशी भाषाओं को भी शामिल करने की पहल शुरू की है। रोजगारपरक शिक्षाओं को जोड़ने का काम किया। प्रयास यह भी है कि शिक्षा के साथ रोजगार भी सुनिश्चित कराया जा सके। कैम्पस सलेक्शन के लिए यहां भी विचार होना चाहिए। कहा कि उस हिसाब से इस विवि में पाठ्यक्रम का निर्धारण हो। 47 नए महाविद्यालय खोलने जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में लोगों को जाने को प्रेरित करने पर भी हमारा जोर है।

बताया कि माध्यमिक शिक्षा के तहत 2700  कौशल विकास केंद्र भी खोलने पर काम हो रहा है। कम्पनियों से टाई-अप किया जा रहा है। इसका उद्देश्य यही है कि छात्रों को रोजगार भी मुहैया कराई जा सके।

  डिप्टी सीएम ने बोर्ड परीक्षाओं में नकल पर लगाम कसने पर विशेष जोर दिया। साफ कहा कि परीक्षा केंद्रों की सिफारिस नहीं सुनी जाए। मानक के अनुरूप केंद्र बने और नकल विहीन परीक्षा हो। अब बलिया नकल के लिए नहीं, बल्कि अक्ल के लिए जाना जाएगा। फर्जी नियुक्तियों के सम्बंध में कहा कि अगर ऐसा संज्ञान में आया तो जिम्मेदार अफसर जेल जाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत में अध्ययन करने दूसरे देश से लोग आते थे लेकिन अफसोस है कि कुछ समय पहले यहां नकल के लिए बाहर से लोग आते थे। हमने सरकार में आते ही इस पर लगाम कसी। इसमें अगर कोई कसर बची होगी तो इस बार वह भी दूर हो जाएगी। डॉशर्मा ने कहा कि स्थानांतरण के लिए अध्यापक को भारी मशक्कत करनी पड़ती है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। शैक्षिक पंचांग तैयार हुआ है जिसके तहत समय से सब काम होगा। स्थानांतरण की पारदर्शी प्रक्रिया बनी है, इससे इतर कोई ट्रांसफर नहीं होगा। यही नहीं, बिना किसी की सिफारिस के लिए नियमानुसार स्थानांतरण भी होगा और आसानी से प्रबन्धक कार्यभार ग्रहण भी कराएंगे। यही इस पंचांग की खूबी होगी।  बलिया में छह सरकारी विद्यालयों में गणित और जीवविज्ञान का कोर्स देने की बात कही। दो नए माध्यमिक विद्यालय देने की भी घोषणा की।  

इस मौके पर कुलपति डॉ. योगेंद्र सिंह ने यूनिवर्सिटी व सुरहाताल से इतिहास से अवगत कराते हुए अतिथि द्वय को अंगवस्त्रम व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। कुलाधिपति/राज्यपाल की 'चरैवेति-चरैवेति' जैसी प्रेरणादायक पुस्तक की सराहना करते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा की। वहीं डिप्टी डीएम डॉ दिनेश शर्मा के प्रति भी आभार जताया। कुलपति ने आगे कहा, विवि के शैक्षिक स्तर पर विकास के लिए अतिथि द्वय हमेशा तत्पर रहे। दोनों लोगों से जब भी मिला, विश्वविद्यालय को कुछ न कुछ मिलता रहा। नतीजन, कम समय में तेजी से विकसित रूप धारण कर रही यूनिवर्सिटी बुलंदियों की तरफ जा रही है। मऊ व गाजीपुर के महाविद्यालय भी जुड़ने वाले हैं। इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। अपने पहले वर्ष में ही महज सीमित संसाधन में सुचितापूर्वक परीक्षा सम्पन्न कराई गई। प्रदेश सरकार के सहयोग से बहुत जल्द यह विवि बुलंदियों पर होगा। कुलपति ने यूनिवर्सिटी से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी साझा की। समारोह में विधायक आनंद स्वरूप शुक्ला, पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दयाशंकर सिंह, पूर्व विधायक भगवान पाठक, सुधीर राय आदि रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.