काशी का केला पपीता और भिंडी खाएंगे विदेशी, एपीडा ने विदेशों में निर्यात के लिए चयनित की फल एवं सब्जी
आम अमरूद आंवला केला के साथ ही काशी का पपीता भिंडी हरी मिर्च घिया प्याज बीन्स व मटर भी अब विदेशी खा सकेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। आम, अमरूद, आंवला, केला के साथ ही काशी का पपीता, भिंडी, हरी मिर्च, घिया, प्याज, बीन्स व मटर भी अब विदेशी खा सकेंगे। एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने विदेशों में निर्यात के लिए फल व इन सब्जियों का चयन किया है। इस पहल से काशी सहित पूर्वांचल के किसानों को एक बेहतर विश्व बाजार मिल सके। इसके लिए प्रदेश सरकार से सहयोग की स्वीकृति भी मिल गई है। विदेशों में निर्यात से पहले जांच के लिए काशी में लैब बनाने का भी प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसको लेकर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की तीन स्तर पर बैठक हो चुकी है।
काशी से विदेशों में निर्यात बढ़ाने के लिए जल परिवहन, एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ ही तमाम अनुसंधान संस्थानों के साथ चर्चा हो चुकी है। इसमें केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारी भी शामिल रह चुके हैं। अब सीधे निर्यातकों एवं उत्पादकों के बीच भी चर्चा हो चुकी है। एपीडा के महाप्रबंधक उपेंद्र कुमार वत्स ने बताया कि यूएई, सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, इंग्लैंड, यूएसए में पूर्वांचल की सब्जी व फल को निर्यात करने की योजना बनाई गई है। इसमें भिंडी, हरी मिर्च, प्याज, विंस, मटर, अमरूद, आंवला, केला, आम व पपीता शामिल हैं।
गुणवत्ता से समझौता नहीं
सब्जी | वाराणसी | गाजीपुर | जौनपुर |
भिंडी | 5737 | 4100 | 4045 |
प्याज | 6596 | 23264 | 20888 |
हरी मटर | 14829 | 20279 | 32804 |
हरी मिर्च | 1857 | 1395 | 27 |
वत्स ने बताया कि विदेशों में उन सब्जी या फल की मांग है जो बिना कीटनाशक या कम रासायनिक खाद से तैयार उत्पादित की गई हैं। वैसे फिलहाल इसकी जांच की वाराणसी में जांच की उचित व्यवस्था नहीं है। इसके लिए ईरी से लैब तैयार करने के लिए कहा गया है। साथ ही निजी संस्था से भी संपर्क साधा जा रहा है। ताकि निर्यात से पहले फल व सब्जी की गुणवत्ता की जांच की जा सके।
फल |
वाराणसी | गाजीपुर | जौनपुर |
पपीता | 28139 | 0 | 0 |
आम | 16636 | 39634 | 6047 |
केला | 530 | 318 | 1892 |
अमरूद | 5032 | 3359 | 1330 |
सब्जी निर्यात को बनेगा पैक हाउस व आर्म फार कलेक्शन सेंटर
काशी सहित पूर्वांचल को सब्जी एवं फल निर्यात का हब बनाने की कड़ी में तीसरी बैठक शुक्रवार को कैंटोमेंट स्थित एक होटल में एपीडा (एग्रीकल्चर एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से बायर सेलर मीट का आयोजन हुआ। इसमें तय किया गया कि प्रथम चरण में वाराणसी में मंडी परिषद की ओर से चिह्नित भूमि पर पैक हाउस का निर्माण होगा। साथ ही उद्यान विभाग के सहयोग से निकटवर्ती पांच जनपदों चंदौली, मीरजापुर, गाजीपुर, जौनपुर, व संत रविदास नगर में आर्म फार कलेक्शन सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
मीट में यह भी तय किया गया कि कमिश्नर की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी जो उत्पादन के प्रमुख क्षेत्रों के चिह्नांकन के साथ ही निर्यात के लिए प्रमुख फसलों एवं प्रजातियों का चयन व अनुशंसा करेगी। इससे निर्यात में आसानी होगी। इस मीटर में उत्तर प्रदेश, बिहार व महाराष्ट्र के 25 प्रमुख उत्पाद निर्यातक, 35 फार्मर प्रोड्यूसरों ने भाग लिया। अध्यक्षता एपीडा के चेयरमैन पीके बोरठाकुर ने की। साथ ही वाणिज्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिवाकर मिश्र, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, महाप्रबंधक उपेंद्र कुमार वत्स, आइआइवीआर के निदेशक डा. जगदीश सिंह, जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त आदि थे।
चंदौली में काला धान की खेती
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि पूर्वांचल में निर्यात के लिए अपार संभावनाएं हैं। बताया कि चंदौली में एक हजार हेक्टेयर में काला धान की खेती की गई है। साथ ही गाजीपुर में टमाटर, हरी मटर, केला, वाराणसी में हरी मटर एवं मिर्च की बेहतर खेती है। संचालन एपीडा के सहायक महाप्रबंधक सीबी सिंह ने किया।