मिली तारीख पर तारीख लेकिन वाराणसी में नहीं दूर हुई औद्योगिक क्षेत्र की समस्या
11 करोड़ से वाराणसी के चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क नाली सीवर आदि समस्या दूर करनी थी। लेकिन कई बार आश्वासन मिलने के बाद भी नहीं हुआ। अब बरसात के दिनों में परेशानी हो रही है।
वाराणसी, जेएनएन। प्रदेश के औद्योगिक आस्थानों की मूलभूत समस्याएं दूर करने के लिए सरकार ने दो साल पहले करीब 100 करोड़ राशि स्वीकृत करते हुए इसमें करीब 11 करोड़ चांदपुर औद्योगिक क्षेत्र की सड़क, नाली, सीवर आदि समस्या दूर करने के लिए दी थी। साथ ही पचरांव व चिरईगांव औद्योगिक क्षेत्र के लिए भी अलग से राशि मिली थी। बावजूद इसके अभी तक समस्याएं दूर नहीं हो पाई हैं, जबकि उद्योग बंधु की बैठक में अक्सर यही समस्याएं आती हैं। गत छह जून को जिला उद्योग बंधु की बैठक में डीएम ने 15 दिन में समस्याओं के निस्तारण का निर्देश दिया था। एक माह बीत जाने के बाद भी स्थिति यथावत है। कई साल से उद्यमियों को बैठक में बस तारीख पर तारीख मिल रही है, समस्या से निजात नहीं।
यहां लापरवाही की हद नहीं
आरोप है कि जनवरी 2018 में चांदपुर औद्योगिक आस्थान के लिए राशि स्वीकृति हुई तो संबंधित विभाग ने ऐसी संस्था को काम सौंप दिया जिसकी क्षमता एक करोड़ रुपये से अधिक से कार्य कराने की नहीं थी। जब एक साल तक काम नहीं हुआ तो उद्यमी 12 अगस्त 2019 को लखनऊ गए। तब पता चला कि गलत संस्था के कारण काम लटका रहा। काफी भागदौड़ के बाद उक्त राशि जनवरी 2020 में पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर की गई, लेकिन यहां भी अभी तक लापरवाही ही मुंह बाए खड़ी है।
कई बार बैठक में यही मांग उठ रही
औद्योगिक आस्थान चांदपुर महेशपुर में सड़क चौड़ीकरण, सीसी इंटरलॉकिंग कार्य, दोनों ओर आरसीसी नाली, साफ-सफाई, सीवर, कूड़ा उठान, पैचवर्क व अतिक्रमण से मुक्ति। औद्योगिक आस्थान चांदपुर, महेशपुर के तीन भूखंड व मिनी औद्योगिक आस्थान चिरईगांव, पचरांव के 26 भूखंड निरस्त किए गए थे, जिनमें चांदपुर के तीन भूखंडों पर न्यायालय में मामला लंबित है। उद्यमियों की मांग है कि बुकिंग के नाम ली गई 10 प्रतिशत वापस की जाए, लेकिन इसमें भी हीलाहवाली की जा रही है।
मौजूदा स्थिति पर एक नजर
- सड़क चलने लायक नहीं।
- नालियां चोक हो रहीं।
- पानी की निकासी रुकी।
- सीवर के कई ढक्कन खुले।
डीएम का यह था निर्देश
डीएम ने जिला पंचायत को एक सप्ताह में सीवर साफ कराने एवं टूटे ढक्कन बदलने का निर्देश दिया था। उपायुक्त उद्योग को निर्देश दिया गया था कि औद्योगिक आस्थान का नक्शा एवं सभी समस्याओं की रिपोर्ट बनाने के साथ स्वीकृति लेकर काम कराया जाए। सुरक्षा के लिए औद्योगिक आस्थान चांदपुर के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल बनाने व गेट लगाने का भी निर्देश दिया गया था।
बाेले उद्वमी, कारोबार होगा प्रभावित
दी स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश भाटिया ने कहा कि जिला पंचायत सड़क को कम से कम चलने लायक तो बना दे। अगर उद्यमी इन्हीं सब मांगों में कई साल तक ऊर्जा लगाते रहेंगे तो कारोबार प्रभावित होगा। बरसात होने पर कारखानों में पानी घुस जाता है। जगह-जगह कूड़े के अंबार से महामारी फैलने का खतरा रहता है। उद्योग उपायुक्त वीरेंद्र कुमार का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र में कार्य कराने के लिए पीडब्ल्यूडी से टेंडर एवं प्रगति की रिपोर्ट मांगी गई है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को क्षेत्र में सीवर आदि समस्या तत्काल दूर करने का निर्देश दिया गया है।