बकरी का दूध डेंगू ही नहीं अन्य बीमारियों में भी देता है फायदा, औषधीय गुणों में संजीवनी से कम नहीं
बकरी के दूध में पोटैशियम कैल्शियम सोडियम मैग्नीशियम फास्फोरस व आयरन समेत कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिन पर शोध कर कई प्रकार खाद्य पदार्थ तैयार होगा। इससे लोगों में इस उत्पाद की मांग बाजार में बढ़ेगी।
वाराणसी, जेएनएन। बकरी का दूध अमूमन लोग केवल डेंगू से जब पीड़ित होते हैं, तब ही प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिये करते हैं। जबकि बकरी के दूध के कई लाभकारी गुण हैं, जो हमें किसी दूसरे उत्पाद में नहीं मिलते। इसी को लेकर बीएचयू स्थित डेयरी एवं फूड टेक्नोलाजी डिपार्टमेंट में बकरी के दूध और उसमें निहित पौष्टिक गुणों पर शोध कार्य जल्द ही शुरू होगा। इससे पौष्टिकता के आधार पर खाद्य पदार्थों का निर्माण भी होगा। कल पिंडरा की कमला देवी अपने घर का गुजारा बकरी पालन से कर लेती हैं, जिसे सुन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चकित थे। दरअसल बकरी स्वास्थ्य लाभ के साथ गरीबों की गाय भी कही जाती है।
इसी के बाद बीएचयू डेयरी व फूड टेक्नोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो. डी सी राय ने बताया कि बकरी का दूध भले ही सामान्य तौर पर उपयोग न किया जाता हो, मगर उनके औषधीय गुण बहुत ही ज्यादा हैं। बकरी के दूध में पोटैशियम, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस व आयरन समेत कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जिन पर शोध कर कई प्रकार खाद्य पदार्थ तैयार होगा। इससे लोगों में इस उत्पाद की मांग बाजार में बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि देश में अब बकरी के दूध की मांग अब बढ़ती जा रही है। इससे प्लेटलेट्स बनता है। एक कामचलाऊ बकरी देढ़ से दो लीटर दूध भी देती है, वहीं इनका लालन-पालन बेहद आसान है।
महिलाएं बकरी लोन से पा रहीं रोजगार
कल कमला देवी ने प्रधानमंत्री से कहा था कि हम कई महिलाएं समूह में बकरी लोन लेकर बड़े स्तर पर बकरी पालन कर रहे हैं, जिससे काफी लाभ हो रहा है। इस पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. वी बी सिंह ने बताया कि ग्राम विकास की एक योजना के तहत महिलाएं समूह बनाकर बकरी, मुर्गी आदि पर लाेन ले रहीं हैं। इसके बाद बकरी पालन को ही अपने रोजगार का साधन भी बना चुकी हैं। नाबार्ड के माध्यम से जानवरों पालने के लिए लोन लिया जा सकता है। बकरी का मुख्य इस्तेमाल वह मीट उत्पादन करती हैं। अब तो बड़े-बड़े उद्योगपति भी बकरी पालन का रुख कर रहे हैं।