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गाजीपुर जिला पंचायत का 18 जनवरी को 18 करोड़ का होने वाला टेंडर निरस्त

जिला पंचायत का 18 जनवरी को 18 करोड़ का होने वाला टेंडर निरस्त कर दिया गया है। इस पर नए सिरे से प्रस्ताव लेकर टेंडर कराया जाएगा। जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने शनिवार को यह निर्णय किया।

By Abhishek sharmaEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 07:20 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:20 AM (IST)
गाजीपुर जिला पंचायत का 18 जनवरी को 18 करोड़ का होने वाला टेंडर निरस्त
जिला पंचायत का 18 जनवरी को 18 करोड़ का होने वाला टेंडर निरस्त कर दिया गया है।

गाजीपुर [सर्वेश कुमार मिश्र ]। जिला पंचायत का 18 जनवरी को 18 करोड़ का होने वाला टेंडर निरस्त कर दिया गया है। इस पर नए सिरे से प्रस्ताव लेकर टेंडर कराया जाएगा। जागरण की खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने शनिवार को यह निर्णय किया। इससे महकमे में हलचल मची हुई है। इतना ही नहीं, हाल में हुए 16 करोड़ के टेंडर पर भी जांच की तलवार लटक रही है। 

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 समाप्त होते कार्यकाल के बीच जिला पंचायत ने जिस तरीके से कार्यों के भुगतान और टेंडर में तेजी दिखाई वह उसके लिए परेशानी का सबब बन गया।दैनिक जागरण ने 13 जनवरी के अंक में Óजिपं में घपले की बू, बाबू तक ने दिया है प्रस्तावÓ शीर्षक से पेज नंबर 6 पर खबर प्रकाशित कर महकमे का ध्यान आकृष्ट कराया। इस पर जिलाधिकारी ने फौरी तरीके से एक्शन लेते हुए संबंधितों से फाइल तलब की। प्रथम ²ष्ट््या घपले की बू पर उन्होंने सख्त कदम उठाते हुए इसे तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया। एक तो तमाम उन लोगों ने प्रस्ताव दे रखे थे जो यह नहीं कर सकते थे, दूसरे जिम्मेदारों ने इसकी शर्तें इस तरह बनाईं थीं कि जिससे वह जिसे चाहें उसे ही टेंडर मिल सके। डीएम ने फाइल तलब करते हुए संबंधितों को साफ चेताया। कहा कि जल्द ही नए सिरे से इसके लिए प्रस्ताव लिए जाएंगे। जो दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ भी कड़ा एक्शन होगा। विदित हो कि जिलाधिकारी बगैर कार्य के सत्यापन के जिला पंचायत के भुगतान पर भी रोक लगा चुके हैं। 

लिए जाएंगे नए सिरे से प्रस्ताव 

- टेंडर डालने से पहले कार्य के लिए प्रस्ताव को लेकर स्टीमेट तैयार होता है। इसके बाद सदन में इस पर चर्चा होती है। वहां से इसके अनुमोदन के बाद टेंडर होता है, लेकिन यहां सब कुछ ताक पर रखकर किया गया। कुछ इन्हीं तरह की शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी ने हाल ही में इस टेंडर को रोककर इसकी तिथि को आगे बढ़ा दिया था। 14 जनवरी को होने वाली इस टेंडर प्रक्रिया की तिथि 18 जनवरी कर दी गई थी लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बतौर प्रशासक कामकाज देख रहे जिलाधिकारी ने इसपर नए सिरे से प्रस्ताव का निर्देश दिया है। उनके इस कदम से उन अधिकारियों व ठेकेदारों को झटका लगा है जो सेङ्क्षटग के तहत काम लेने का जुगाड़ फिट कर बैठे थे। 

जिन्हें अधिकार नहीं उसने भी दे रखा है प्रस्ताव 

- तमाम ऐसे लोग प्रस्ताव करने वालों में हैं जिन्हें यह अधिकार है ही नहीं। अपर मुख्य अधिकारी ने लाखों रुपये के करीब दर्जन भर कार्यों का प्रस्ताव दिया है, जबकि यह प्रस्ताव नहीं दे सकते। इसी तरह जेई ने भी आधा दर्जन कार्यों का प्रस्ताव दिया है। इतना ही नहीं, लिपिक तक ने बकायदा कई कार्यों का प्रस्ताव दे रखा है। आरोप है कि इन प्रस्ताव के पीछे कमीशन का बड़ा खेल है। सूत्रों के मुताबिक जिसके प्रस्ताव होते हैं उन्हें इस काम के कमीशन की बंधी हिस्सेदारी प्राप्त हो जाती है।

- जिला पंचायत के 18 जनवरी को 18 करोड़ के होने वाले टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। नए सिरे से प्रस्ताव लेकर जल्द ही टेंडर की अगली तिथि निर्धारित की जाएगी। शासन के गाइड लाइन के मुताबिक शर्तों को सरल किया जाएगा जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की सहभागिता इसमें हो सके। -

मंगला प्रसाद सिंह, जिलाधिकारी। 


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