नागरिकता कानून पर मंथन में रहेंगेे जनरल वीके सिंह, देश भर से जुटेंगे लगभग 1500 क्षत्रिय प्रतिनिधि
पहले क्षत्रिय धर्म संसद 25 दिसंबर को केंद्र सरकार में मंत्री जनरल वीके सिंह समेत देश भर के 1500 क्षत्रिय प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
वाराणसी, जेएनएन। क्षत्रिय, समाज की रक्षा और स्वतंत्रता आंदोलन में अग्रणी रहा। स्वतंत्रता के बाद सैकड़ों क्षत्रियों ने अपनी रियासत भारत सरकार को सौंप दी। उसके बाद समाज पिछड़ता चला और कुरीतियों से ग्रस्त है। क्षत्रिय समाज के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय है। इसी में उनके अराध्य राम मंदिर निर्माण व नागरिकता संशोधन कानून देश के सामने चुनौती है। इस सब में अपना योगदान देने के लिए तीसरा और देश का पहला क्षत्रिय धर्म संसद 25 दिसंबर को अतुलानंद स्कूल के कोइराजपुर परिसर में आयोजित किया गया है। इसमें मुख्य अतिथि केंद्र सरकार में मंत्री जनरल वीके सिंह समेत देश भर के 1500 क्षत्रिय प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।
संसद के स्वागत अध्यक्ष व अतुलानंद के प्रबंधक राहुल सिंह ने सोमवार को मीडिया को बताया कि गुजरात से एक स्पेशल ट्रेन से क्षत्रिय समाज के प्रतिभागी सुबह शिवपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे। सभी वहां से बस से अतुलानंद स्कूल के कोईराजपुर परिसर जाएंगे। इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद जगदंबिका पाल, सांसद गोपाल नारायण सिंह, गुजरात सरकार के महाधिवक्ता राजेंद्र सिंह आदि मौजूद रहेंगे। धर्म संसद में भाग लेने के बाद सभी पारंपरिक वेश, साफा व पगड़ी में बस से संस्कृत विश्वविद्यालय के पास पहुंचेंगे और पैदल बाबा विश्वनाथ का दर्शन और गंगा आरती में भाग लेने जाएंगे। समिति के अध्यक्ष डा. संजय सिंह गौतम ने कहा कि संसद में क्षत्रियों की एकता, धर्म, अर्थ, कर्म व कर्तव्य पर चर्चा होगी। हमारा प्रयास होगा कि एक बार फिर क्षत्रिय युवा राणाप्रताप, पृथ्वीराज, शिवाजी, बप्पा रावल की तरह देश व समाज की सेवा में अपना योगदान दें। वार्ता के दौरान रणविजय सिंह, प्रो. पीके सिंह, प्रो. गुरु प्रसाद सिंह, इंद्रजीत सिंह, अजय सिंह आदि मौजूद रहे।