एनजीटी के नियम ताख पर रख मंगाई गईं कूड़ा गाडियां, वाहनों की खरीद में नहीं चेत रहा नगर निगम प्रशासन
नगर निगम के परिवहन विभाग में गड़बडिय़ां सामने आने के बावजूद एनजीटी के निर्देशों को दरकिनार कर कूड़ा ढोने वाले 48 वाहनों की खरीद हो गई।
वाराणसी, जेएनएन। नगर निगम के परिवहन विभाग में गड़बडिय़ां सामने आने के बावजूद एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्र्ब्यिूनल) के निर्देशों को दरकिनार कर कूड़ा ढोने वाले 48 वाहनों की खरीद हो गई। इन सीएनजी वाहनों में कूड़ा ढकने का इंतजाम नहीं है। खास बात यह कि डेढ़ साल पहले लगभग इस मानक के डीजल वाहनों की खरीद वर्तमान से अधिक दर में की गई थी।
बढ़ते वायु प्रदूषण का देखते हुए एनजीटी लगातार एहतियात बरतने का निर्देश दे रहा है। इसके बावजूद नगर निगम ने वाहनों की खरीद की है। इस बारे में परिवहन के प्रभारी लोकेश जैन का कहना है कि पूर्ववर्ती अधिकारी अजय राम के कार्यकाल की यह खरीद है। इसलिए इसके मॉडल और पूर्व में खरीदे गए वाहनों की कीमत की जानकारी नहीं है। हालांकि एनजीटी के नियमों के संबंध में उन्होंने कहा कि वाहनों के साथ उसे ढकने की चादरें भी आईं है जिनका उपयोग होगा। इससे पूर्व एनजीटी ढंके हुए कूड़ा वाहनों के उपयोग की हिदायत दे चुकी है।
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में वायु प्रदूषण की चर्चा विश्व स्तर पर हो चुकी है। पूर्व में भी बनारस शहर में वायु प्रदूषण को लेकर वैश्विक संस्थाओं ने भी चिंता जाहिर की थी। इन सबके बावजूद विभागों के गलत फैसलों का खामियाजा बनारस शहर भुगतता रहा है। कूड़ा उठान से लेकर उसके निस्तारण तक में निगम की लापरवाही से शहर की सेहत को नुकसान पहुंचता रहा है। इस बार कूड़ा उठाने वाले वाहनों के मानक के विपरीत होने की चर्चा के बीच एनजीटी के मानकों पर भी मंथन शुरू हो चुका है।